Baba Ramdevji Bhajan 2024
बाबा रामदेवजी राजस्थान के मशहूर धार्मिक लोकदेवता हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि वे अपनी शक्तिशाली कृपा से अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
बाबा रामदेवजी को राजस्थान की जनता बहुत उपासना करती है और इन्हें सभी धर्मों के लोग अपने देवता के रूप में मानते हैं।
बाबा रामदेवजी के कई मंदिर है जो राजस्थान के अलग – अलग हिस्सों में मौजूद हैं। इन मंदिरों में भक्तों को धार्मिक सदभाव, मन की शांति और समृद्धि की कामना के साथ-साथ निशुल्क सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं।
बाबा रामदेवजी के मंदिर में प्रतिदिन विभिन्न प्रकार की पूजाएं की जाती हैं जैसे आरती, भजन गायन और प्रसाद वितरण।
baba ramdevji के चमत्कारी शक्तियों के बारे में कहा जाता है कि इनकी कृपा से लोगों की बड़ी-बड़ी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है।
बाबा के नाम पर धार्मिक यात्रा करना भी बहुत धर्मिक माना जाता है और कहा जाता है की बाबा के दरबार में जो भी भक्त मांगते है उनकी मनोकामना बाबा रामदेवजी जरूर पूर्ण करते है |
इस आर्टिकल में आपको बाबा रामदेवजी के प्रसिद्ध और नए भजन और आरतिया पढ़ने को मिलेगी। इन आरतियो और भजनो को सुनकर आप बाबा रामदेवजी की भक्ति में खो जाएंगे और आप एक भक्ति यात्रा का आनंद उठा पाएंगे ।
बाबा रामदेवजी की आरती baba ramdevji ki aarti
baba ramdevji के ऊपर बाबा के कई भक्तो ने आरतिया लिखी और गाई है ,जिनका श्रवण भक्तो के द्वारा किया जाता है। परन्तु बाबा के भक्तो द्वारा प्रमुख रूप से ये दो आरतिया गयी जाती है जिनको सुनकर बाबा के भक्त मन्त्रमुगन हो जाते है। तो आईये इन आरतियो का पाठन करते है।
pichham dhara su mhara peer ji padhariya
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया ,घर अजमल अवतार लियो |
लाछां सुगणा डाली करे थारी आरती , हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।
गंगा यमुना बहे रे सरस्वती रामदेव बाबो स्नान करे।
बाबो स्नान करे
लाछां सुगणा डाली करे थारी आरती , हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।
घिरत मिठाई बाबा चढे थारे चूरमो धूपा री महकार पङे
बाबा महकार पड़े
लाछां सुगणा डाली करे थारी आरती , हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।
ढोल नगाङा बाबा नोबत बाजे झालर री झणकार पङे
बाबा झंकार पड़े
लाछां सुगणा डाली करे थारी आरती , हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।
दूर-दूर सूं बाबा आवे थारे जातरो दरगा आगे बाबा ने नीवण करे।
बाबा ने नीवण करे।
लाछां सुगणा डाली करे थारी आरती , हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।
हरी सरणे भाटी हरजी बोले नवों रे खण्डों मे निसान घुरे।
बाबा नीसाण घूरे
लाछां सुगणा डाली करे थारी आरती , हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।
लाछां सुगणा डाली करे थारी आरती , हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।।
om jai ajamal lala aarti lyrics
ॐ जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला ।।
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु जय अजमल लाला
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
अश्वन की अवसारी शोभे केशरीया जामा ।
शीस तुर्रा हद शोभे हाथ लीया भाला ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला ।।
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु जय अजमल लाला
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
डुब्त जहाज तीराई भैरव दैत्य मारा । प्रभु भैरव दैत्य मारा ।
कृष्णकला भय भजन राम रूणेचा वाला ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला ।।
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु जय अजमल लाला
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
अंधन को प्रभु नेत्र देत है कोढ़न को काया । प्रभु कोढ़न को काया
कानन कुंडल शोभे गल पुष्पनमाल ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला ।।
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु जय अजमल लाला
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
कोढी जय करूणा कर आवे होंय दुखीत काया । प्रभु होंय दुखीत काया ।
शरणागत प्रभु तोरी भक्तन सुन दाया ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला ।।
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु जय अजमल लाला
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
आरती रामदेव जी की जो कोई नर नारी गावे । प्रभु जो कोई नर नारी गावे ।
कटे पाप जन्म-जन्म के मोंक्षां पद पावे ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला ।।
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु जय अजमल लाला
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला ।।
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
ॐ जय अजमल लाला प्रभु जय अजमल लाला
भक्त काज कलयुग में लीनो अवतारा, ॐ जय अजमल लाल ।।
बाबा रामदेवजी भजन baba ramdevji bhajan
आप सभी ने बाबा के सभी भजन का श्रवण तो अवश्य किया है लेकिन आज हम आपके लिए बाबा के प्रशिद्ध भजनो में से दो प्रमुख भजन लाये है। आशा करते है इन भजनो को पढ़कर आप बाबा की भक्ति में लग जाए।
chham chham baje ghungariya
छम छम बाजे घूघरिया, सब दिखलाये बाबा ,
मेरे घर आये बाबा , मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।
द्वारकासु ऊडुकाश्मीर, आ गये बाबा आ गये ,
कुंकु पगलिया अजमल घर,मंडवागये बाबा अजमल घर मंडवागये,
पानी रो दूध बनावनिया, मेरे घर आये बाबा ,
मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।
भूमि सु भार उतारण कारण, आ गये बाबा आ गये ,
बालिनाथजी गुरूजी मन में, भा गये बाबा भा गये,
भैरव दैत्य मारनिया, मेरे घर आये बाबा ,
मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।
रामदेव अवतारी दर्शन, दे गये बाबा दे गये ,
भादवा की बिज यो मेलो, भरा गये बाबा भरा गये,
भक्ता कारज सारणियाँ, मेरे घर आये बाबा
मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।
भादवा की बीज या लागे,सुहावनी बाबा सुहावनी ,
आनंद मंगला गावे कोई, कामनी बाबा कामनी,
रिमझिम बरसे मेहुड़ा, मेरे घर आये बाबा
मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।
कलयुग में जात पात को, मिटा गये बाबा मिटा गये,
डाली बाई को मान यो बाबा, बड़ा गये बाबा बड़ा गये,
भेद भाव नी मिटावनिया, मेरे घर आये बाबा
मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।
लिलो घोड़ो बाबा थारो, सुहावनो बाबा सुहावनो ,
भक्ता रो मनडो बाबा यो तो, मोहवनो बाबा मोहवनो,
मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।
मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।मेरे घर आये आये बाबा मेरे घर आये,
छम छम बाजे घूघरिया।।
marudhar me jyot jagay gayo
मरूधर में जोत जगाय गयो , बाबो धोळी धजा फेहराय गयो ।
म्हारो सांवरियो गिरधारी , महरो पचरंग नेचाधारी ।
भगतां रे कारण ,अजमल घर अवतार लियो ।
कसूंबल केसरिया ,बागा रो सिणगार कियो ।
मरूधर में जोत जगाय गयो , बाबो धोळी धजा फेहराय गयो ।
म्हारो सांवरियो गिरधारी , महरो पचरंग नेचाधारी ।
भगतां रे कारण ,अजमल घर अवतार लियो ।
कसूंबल केसरिया ,बागा रो सिणगार कियो ।
राजा अजमल पुण्य कमायो , थाने पुत्र रूप में पायो ।
मेणा दे लाड लडायो , माँयड बण दूध पिलायो ।
भादरवा री बीज ने आय गयो , चानणियाँ सू चमकाय गयो।
बाई सुगणा आरती गावे , भाटी हरजी चॅवर दुळावे ।
श्री लक्ष्मी रूप नेतलदे ,संग में ब्यावकियो ।
मरूधर में जोत जगाय गयो , बाबो धोळी धजा फेहराय गयो ।
म्हारो सांवरियो गिरधारी , महरो पचरंग नेचाधारी ।
भगतां रे कारण ,अजमल घर अवतार लियो ।
कसूंबल केसरिया ,बागा रो सिणगार कियो ।
बाबो हिन्दवा पीर कहायो , रूणीचा नगर बसायो ।
कोई ऊँचो नाँहि नीचो , सब भेद भाव ने मिटायो ।
थोथी थळियाँ में आय गयो , तंदूरा रा तार बजाय गयो ।
बाबो तुर्रा किलंगी धारी , लीला घोड़ा री असवारी ।
कलियुग में बाबो ,पगल्याँ ने पुजवाय गयो ।
मरूधर में जोत जगाय गयो , बाबो धोळी धजा फेहराय गयो ।
म्हारो सांवरियो गिरधारी , महरो पचरंग नेचाधारी ।
भगतां रे कारण ,अजमल घर अवतार लियो ।
मरूधर में जोत जगाय गयो , बाबो धोळी धजा फेहराय गयो ।
म्हारो सांवरियो गिरधारी , महरो पचरंग नेचाधारी ।
भगतां रे कारण ,अजमल घर अवतार लियो ।
कसूंबल केसरिया ,बागा रो सिणगार कियो ।
बिछड्योड़ा मीत मिळावे , बाबो मनरी आस पुरावे ।
भगतां री लाज बचावे , जो ध्यावे परचो पावे ।
हरजी भाटी गुण गाय रयो , गोपाळो शरणे आय गयो ।
बाबो निकळंक नेजा धारी , ज्यांरी कीरत जग में भारी ।
शरणे आयोडाँ ,भगतां रो उद्धार कियो ।
मरूधर में जोत जगाय गयो , बाबो धोळी धजा फेहराय गयो ।
म्हारो सांवरियो गिरधारी , महरो पचरंग नेचाधारी ।
भगतां रे कारण ,अजमल घर अवतार लियो ।
कसूंबल केसरिया ,बागा रो सिणगार कियो ।
Ramdev Chalisa – बाबा रामदेवजी की चालीसा
Ramdev Chalisa बाबा रामदेवजी की चालीसा की महिमा आज कोन नहीं जानता जिसके गायन से मन मे एक शक्ति का संचार होता है जिसके माध्यम से मनुष्य सारी परेशानिया भूल बाबा की भक्ति मे लग जाता है । आपने बाबा रामदेवजी की चालीसा , हनुमान चालीसा का पाठ तो किया ही होगा , पर क्या कभी आपने यह जानने का प्रयास किया है की चालीसा होती क्या है तथा इस का पठन क्यों किया जाता है ।
चालीसा का अर्थ क्या होता है ? Ramdev Chalisa
चालीसा का शाब्दिक अर्थ होता है चालीस शब्दों का समूह । चालीसा शब्द हिन्दी भाषा के चालीस से लिया गया है । चालीसा का अगर सरल भाषा मे समझा जाए तो हम कह सकते है की चालीस शब्दों का समूह चालीसा कहलाता है । उदाहरण के लिए हनुमान चालीसा जिसमे चालीस छंद है अतः वह चालीसा है ।
चालीसा का पाठ क्यों किया जाता है ? Ramdev Chalisa
चालीसा का पाठ मुख्य रूप से घर की शांति तथा देव की कृपा सदा बनी रहे के लिए किया जाता है । चालीसा का पठन करने से मन की अशान्ति दूर होती है और साथ ही मन की स्थिरता बनी रहती है ।
आर्टिकल की अगली कड़ी मे हम आपको राजस्थान के प्रसिद्ध लोकदेवता बाबा रामदेवजी की चालीसा Ramdev Chalisa से अवगत कराएंगे जिसके पठन से सभी मनोरथ सिद्ध होते है ।
Ramdev Chalisa
जय जय रामदेव जयकारी । विपद हरो तुम आन हमारी ॥
तुम हो सुख सम्पत्ति के दाता । भक्तजनो के भाग्य विधाता ॥
बाल रूप अजमल के धारा । बनकर पुत्र सभी दुख टारा ॥
दुखियों के तुम हो रखवारे । लागत आप उन्हीं को प्यारे ॥
आपहि रामदेव प्रभु स्वामी । घट घट के तुम अंतरयामी ॥
तुम हो भक्तों के भय हारी । मेरी भी सुध लो अवतारी ॥
जग में नाम तुम्हारा भारी ॥ भजते घर घर सब नर नारी ॥
दु:ख भंजन है नाम तुम्हारा ॥ जानत आज सकल संसारा ॥
सुंदर धाम रुणिचा स्वामी ॥ तुम हो जग के अंतरयामी ॥
कलियुग में प्रभु आप पधारे । अंश एक पर नाम है न्यारे ॥
तुम हो भक्त जनों के रक्षक । पापी दुष्ट जनों के भक्षक ॥
सोहे हाथ आपके भाला । गल में सोहे सुंदर माला ॥
आप सुशोभित, अश्व सवारी । करो कृपा मुझ पर अवतारी ॥
नाम तुम्हारा ज्ञान प्रकाशे । पाप अविद्या सब दुख नाशै ॥
तुम भक्तों के भक्त तुम्हारे । नित्य बसो प्रभो हिये हमारे ॥
लीला अपरम्पार तुम्हारी ॥ सुख दाता भय भंजन हारी ॥
निर्बुद्धि भी विद्या पावे । रोगी रोग बिना हो जावे ॥
पुत्र हीन सु संतति पावे । सुयश ज्ञान करि मोद मनावे ॥
दुर्जन दुष्ट निकट नहिं आवे । भूत पिशाच सभी डर जावे ॥
जो कोई पुत्र हीन नर ध्यावे । निश्चय ही नर वो सुत पावे ॥
तुमने डूबत नाव उबारी । नमक किया मिसरी को सारी ॥
पीरो को परचा तुम दीना । नीर सरोवर खारा कीना ॥
तुमने पुत्र दिया दलजी को । ज्ञान दिया तुमने हरजी को ॥
सुगना का दुख तुम हर लीना । पुत्र मरा सरजीवन कीना ॥
जो कोइ तुमको सुमरन करते । उनके हित पग आगे धरते ॥
जो कोइ टेर लगाता तेरी । करते आप तनिक ना देरी ॥
विविध रूप धर भैरव मारा । जाम्भा को परचा दे डारा ॥
जो कोइ शरण आपकी आवे । मन इच्छा पूरण हो जावे ॥
नयनहीन के तुम रखवारे । कोढ़ी पुंगल के दुख टारे॥
नित्य पढ़े चालीसा कोई । सुख सम्पत्ति वाके घर होई ॥
जो कोई भक्ति भाव से ध्याते । मन वांछित फल वो नर पाते ॥
मैं भी सेवक हूँ प्रभु तेरा । काटो जनम मरण का फेरा ॥
जय जय हो प्रभु लीला तेरी । पार करो तुम नैया मेरी ॥
करता नंद विनय प्रभु तेरी । करहु नाथ तुम मम उर डेरी ॥
जय जय रामदेव जयकारी । विपद हरो तुम आन हमारी ॥
तुम हो सुख सम्पत्ति के दाता । भक्तजनो के भाग्य विधाता ॥
जय जय रामदेव जयकारी । विपद हरो तुम आन हमारी ॥
जय जय रामदेव जयकारी । विपद हरो तुम आन हमारी ॥
चालीसा की विशेषता
किसी भी रचना का कोई न कोई अर्थ होता है जैसे आपको हनुमान चालीसा मे हनुमान जी के सभी चमत्कारों के साथ साथ उनकी अपने प्रभु श्री राम की भक्ति का वर्णन मिलता है । ठीक इसी तरह बाबा रामदेवजी की चालीसा मे आपको बाबा रामदेवजी के सभी चमत्कारों तथा जीवन काल का वर्णन किया गया है । इसके साथ ही भक्तों द्वारा अपने प्रभु श्री रामदेवजी की भक्ति को भी देखा जाता है ।