Baba Ramdevji ki jaati kya thi

Baba Ramdevji ki jaati kya thi

 बाबा रामदेवजी की जाती क्या थी ?

Baba Ramdevji   पाश्चिम राजस्थान के लोकप्रिय जन जन के आराध्य देव  के जन्म से सम्बंधित आज इस आर्टिकल मे आपको बताने वाले हैं । रामापीर  को राजस्थान , गुजरात , पंजाब , तथा पूरे हिन्दुस्थान मे पूजा जाता है ।बाबा रामदेवजी को हर धर्म के लोगो के द्वारा पूजा जाता हे। 

Baba Ramdevji ki jaati kya thi
Baba Ramdevji ki jaati kya thi

लोगों के द्वारा पूछे गए सवाल –

  • क्या बाबा रामदेव जी मेघवाल थे?
  •  रामदेव जी महाराज की जाति क्या है?
  • नेजाधारी- बाबा रामदेवजी ने जब समाधि ली तब उनकी उम्र कितनी थी ? 
  • बाबा रामदेवजी का जन्म कब हुआ था ?
  • रामदेव जी ने समाधि क्यों ली थी?
  • रामसापीर ने जब समाधि ली तब उनकी उम्र कितनी थी ?

क्या Baba Ramdevji जी मेघवाल थे?

बाबा रामदेवजी  के जन्म के इतिहास में जिसमें बाबा रामापीर का अवतार राजा अजमल तथा माता मेणादे बताया गया है।

यह बोलना की बाबा रामदेवजी की जाति मेघवाल है इसका कोई प्रमाण नहीं है यह लोगो के द्वारा पैदा की गई एक भ्रान्ति है।

आइये जानते है Baba Ramdevji  मेघवाल है इस भ्रान्ति का प्रारम्भ कैसे और किसने किया ?

रामापीर बाबा रामदेवजी का अवतार नहीँ जन्म हुआ था ? जो प्रसिद्ध इतिहासकार रामचन्द्र कड़ेला ने ‘अवतारवाद के शिकार लोक क्रान्तिकारी महामानव-बाबा रामसापीर’ नामक अपनी कृति मे लिखा है।

“सायर सुत मंगनी रा जाया, ज्यारी महिमा भारी, भेंट कियो सुत अजमलजी ने, सायर ने बलिहारी ।

मेघरिखा संग तंवर वंश रा, भाग जागिया भारी, दुनिया जाणे रामदेवजी ने अजमल घर अवतारी.” ।

इस भ्रान्ति को  सबसे पहले जोधपुर के  आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी रामप्रकाशाचार्य जी ने अपनी किताब  “रामदेव गप्प पुराण” तथा  ” ढोल में पोल “ में  बताया ।

जिसमें बाबा रामदेव का जन्म सायर मेघवंशी के घर माता मंगनी की कोख से हुआ बताया गया।

Note – (यह आर्टिकल किसी कि भी भावना को ठेस नहीं पहुचना चाहता हे इतिहास मे काफी स्थान पर अलग अलग उल्लेख मिलता है परन्तु लोक् मान्यता के अनुसार तथा साक्ष्य के अनुरुप Baba Ramdevji  का जन्म (तोमर वंश मे अजमल जी के घर हि हुआ था।)

बाबा रामदेव जी, रामापीर  महाराज की जाति क्या है?

रणुजा के राजा Baba Ramdevji का जन्म तोमर वंश में हुआ था जिन्हे हम वर्तमान में तंवर जाति से जाने जाते है। और वर्तमान में बाबा रामदेवजी के वंशज रामदेवरा में रहते है। 

नेजाधारी- बाबा रामदेवजी ने जब समाधि ली तब उनकी उम्र कितनी थी ? 

जब बाबा रामदेवजी  ने समाधि ली तब उनकी आयु 33 वर्ष थी। स. १४४२ में भाद्रपद शुक्ल एकादशी के दिन ली थी।
बाबा रामदेव रामापीर  ने आज से 637 वर्ष पूर्व पश्चमी राजस्थान के रामदेवरा,रानुजा स्थित इसी पावन स्थान पर जीवित समाधि ली थी । इसके पश्चात से प्रतिवर्ष बाबा रामदेव की समाधि पर लोग आस्था और श्रद्धा के साथ दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

बाबा रामदेवजी का जन्म कब हुआ था ?

लोक देवता Baba Ramdevji  का जन्म विक्रम संवत 1409 भाद्रपद मास की दूज को तोमर वंशीय राजा अजमाल जी के यहां हुआ था।यहां के लोग इन्हें द्वारकाधीश का अवतार मानते हैं।

राजस्थान गुजरात मारवाड़ सहित अन्य क्षेत्रों के लोग बाबा रामदेव जी को बहुत मानते हैं तथा उनकी आराधना वह पूजा करते हैं।

रामदेव पीर ,बाबा रामदेव जी ने समाधि क्यों ली थी?

जन-जन के आराध्य देव बाबा रामदेव जी जिन्हें रामसापीर के नाम से भी जाना जाता है।उन्होंने रणुजा रामदेवरा में समाधि ली थी।

समाधि लेने का मुख्य कारण यह बताया जाता है कि जब उनसे पूछा गया कि आप की समाधि लेने का मुख्य कारण क्या है तब रणुजा के राजा ने बताया कि सामाजिक भेदभाव छुआछूत को समाप्त करना तथा एक ऐसे नगर बसाना जहां कोई भेदभाव ना हो यह कार्य मेरा पूर्ण हो गया।

रामसापीर ने जब समाधि ली तब उनकी उम्र कितनी थी ?

अलखधणी बाबा रामदेवजी ने जब समाधी ली तब उनकी उम्र 33 वर्ष की थी 

Baba Ramdevji के मेघवंशी भक्तों को क्या कहा जाता है? 

रामापीर , बाबा रामदेव जी के मेघवंशी भक्तों को रिखिया कहां जाता है। Baba Ramdevji  को हिंदू लोग द्वारकाधीश की अवतार तथा मुस्लिम लोग रामसापीर की अवतार में पूजते हैं।

रामदेव पीर  कौन थे?

रामदेव जी को बाबा रामदेव , रामसापीर, रामदेव पीर, रामापीर,  रणुजा ना राजा, अलख धणी आदि नामों से राजस्थान वह गुजरात समेत कई राज्यों में इनकी पूजा करते है  लोग इन्हें द्वारकाधीश का अवतार मानते हैं। बाबा रामदेव जी राजस्थान की लोक देवता हैं। उनकी समाधि स्थल रामदेवरा (जैसलमेर ) में स्थित है जहां पर प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया से लेकर दसमी भव्य मेला लगता है जहां पर देश भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु Baba Ramdevji  के दर्शन को आते हैं तथा अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने का आशीर्वाद मांगते हैं।

बाबा रामदेवजी की कितनी बहन थी ?

बाबा रामदेवजी की दो बहन थी लछा बाई तथा सुगना बाई ।

राजस्थान के पांच पीर कोनसे है ?

राजस्थान के पाँच पीरो मे पाबूजी, गोगाजी ,हडबु जी ,रामदेव जी और मेहाजी मांगलिया आते है ।

 

जय बाबा री

 

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