ganga dashara 2022
गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की अनुकंपा प्राप्त होती है ।मां गंगा हिंदुओं के लिए देवी तथा मां के समान है।ganga dashara2022

ganga dashara क्यों मनाया जाता है ?
भारतीय संस्कृति में पौराणिक मान्यता के अनुसार जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अवसर पर मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थी ।
तभी इस तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है।
ganga dashara kab hai
गंगा दशहरा 2022 में किस तारीख को है ?
2022 में गंगा दशहरा जून की 8 तारीख को बृहस्पतिवार को मनाया जाएगा।
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भारत में गंगा दशहरा का मेला कहां पर लगता है?
हर साल इस दिन भव्य मेले का आयोजन किया जाता है यह मेला 3 दिन के लिए गढ़मुक्तेश्वर और ब्रिज घाट पर आयोजित होता है।
गंगा दशहरा के दिन हमें किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए ?
इस शुभ अवसर के उपलक्ष पर पानी का घड़ा दान देना चाहिए।छाता जूता चप्पल टोपी दान देने से पुण्य मिलता है।
किस प्रकार से गंगा दशहरा के दिन घर पर स्नान करने से गंगा में स्नान करने का पुण्य प्राप्त हो सकता है?
गंगा दशहरा पर स्नान करते समय अपने पानी में गंगाजल की कुछ मात्रा को मिलाकर लेने से पूरा जल गंगा के जल के समान हो जाता है।तथा स्नान करते समय इस मंत्र का जाप करें
मुने चैव गोदावरी सरस्वती नर्मदे सिंधु कावेरी जले अस्मिन सन्निधिम कुरु “।।
तथा
ओम नमो गंगाये विश्व रूपाणिये नरायने नमो नमः
भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक गंगा दशहरा भी है ।
स्वर्ग से मां गंगा की धारा का अवतरण जन कल्याण के लिए हुआ था ।
ऐसा कहा जाता है कि गंगाजल के स्पर्श करने पर मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं।गंगा
गंगा दशहरा की कथा ganga dashara
प्राचीन कथा के अनुसार अयोध्या में एक चक्रवर्ती सम्राट हो गए जिनको महाराजा सागर के नाम से जाना जाता था । उनके 60000 पुत्र थे एक बार राजा ने अश्वमेध यज्ञ किया तो इंद्र ने कपिल मुनि के आश्रम में अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा चुरा कर बांध दिया ।
जिससे अश्वमेध यज्ञ में बाधा उत्पन्न हुई ।
60000 पुत्र के भस्म होने की कहानी ganga dashara2022
महाराजा सागर के 60 हजार पुत्र बच्चों ने मिलकर अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को खोजने का कार्य प्रारंभ किया।
तभी उन्हें अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा महर्षि कपिल मुनि के आश्रम में बांधा देखा । उस समय कपिल मुनि ध्यान में मग्न थे महाराजा सागर के पुत्र चिल्लाने लगे चोर चोर इतनी भीषण आवाज को सुनकर महर्षि कपिल मुनि का ध्यान भंग हो गया और महर्षि कपिल मुनि ने भीड़ को देखकर और महाराजा सागर के साठ हजार पुत्रों को भस्म कर दिया जिससे अश्वमेध यज्ञ पुराना हो न सका ।
मां गंगा का अवतरण
राजा सागर ने अपने पुत्रों की आत्मा शांति के लिए मां गंगा को पृथ्वी पर लाने के प्रयास किए ।उस वक्त अगस्त्य ऋषि ने धरती का सारा पानी पी लिया था ।
जिस वजह से जल की एक भी बूंद नहीं बचे पूर्वजों को तर्पण करने के लिए महाराजा सागर अंशुमान और महाराजा दिलीप ने कठोर परिश्रम का भी कोई परिणाम ना निकला ।
बाद में दिलीप के पुत्र भागीरथ ने भगवान ब्रह्मा जी की आराधना तपस्या की तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने मां गंगा को मुक्त किया । उनके प्रबल वेग का प्रबल प्रभाव को रोकने के लिए भागीरथ ने भगवान शंकर की प्रार्थना की भगवान शंकर ने अपनी शिखा में मां गंगा को स्थान दिया ।
उसके बाद भोलेनाथ ने भोलेनाथ ने अपनी एक शिखा से मां गंगा को धरती पर प्रभावित किया ।
इससे महाराजा सगर के 60000 पुत्रों का तर्पण हुआ।
इसलिए मां गंगा को जीवनदायिनी कहा जाता है ।
Ganga dashara 2023 Date
माँ गंगा का पावन दिवस जो साल 2023 में आने वाला हे जिसे हम लोग गंगा दशहरा के नाम से जानते है वो 30 मई 2023 के दिन मंगलवार को मनाई जायेगी।
tegs – ganga dueeserha 2022 date / ganga/dueeseraha snan shbh muhrat