Ramapir Bhajan Liyrics in Hindi
Ramapir Bhajan Liyrics in Hindi लोक देवता बाबा रामदेव जी को संपूर्ण भारत में पूजा जाता है इसी के साथ उनके भजन और उनकी आरती राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र में लोकप्रिय है बाबा रामदेव जी के गुजराती में भी काफी ज्यादा भजन गाए हुए हैं । इस आर्टिकल में बाबा रामदेव जी के दो भजन तथा एक आरती के हिंदी लिरिक्स दिए गए है ।
- Khamma Khamma Ho Dhaniya
- बाबा रामदेव जी आरती राजस्थानी ओरिजिनल आरती
- GERI GERI BIRKHA BHAYA
khamma Khamma Ho Dhaniya / Ramapir Bhajan Liyrics in Hindi
खम्मा-खम्मा हो रामा रूनिचे रा धनिया भजन लिरिक्स
खम्मा-खम्मा हो रामा रूनिचे रा धनिया ॥
थाने तो ध्यावे आखो मारवाड हो,
आखो गुजरात हो अजमाल जी रा कवरा…
भादुरेडी दूज ने चमकियो जी सितारो ॥
पालनिया मे झूलने आयो पालन हरो ॥
द्वारिका रा नाथ झूले पालनिया हो,
रामा दुवरिका रा नाथ झूले पालनिया,
हो अजमाल जी रा कवरा…
बाडोरा विरमदेव छोटा रामदेवजी,
धोरा री धरती मे आया,आया रामपीरजी,
कुंकू रा पगलिया मांड्या आंगणीया हो,
रामा कुंकू रा पगलिया मांड्या आंगणीया,
हो अजमाल जी रा कवरा…
अरे सिरपे कीलंगी-तुर्रो, केसरिया हे जामो,
भागता री भीड़ आवे भोलो पीर रामो,
भगता रो मान बडावलिया हो,
रामा भगता रो मान बडावलिया,
हो अजमाल जी रा कवरा…
माता मेना दे ज्यारा पिता अजमाल जी
सुगना रा बीर रानी, नेतल रा भरतार जी
जगमग ज्योत जगावानिया हो
रामा जगमग ज्योत जगावानिया,
हो अजमाल जी रा कवरा…
दिन बितिया राता बीती, बाबा थाने फेरता
बरसा रा रा बरस बितिया माला थारी फेरता
हाथ री दुखन लागी आंगलिया हो,
रामा हाथ री दुखन लागी आंगलिया,
हो अजमाल जी रा कवरा…
बाबा रामदेव जी आरती राजस्थानी ओरिजिनल आरती / Ramapir Bhajan Liyrics in Hindi
|| बाबा रामदेव जी की आरती ||
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
घर अजमल अवतार लियो |
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
गंगा जमुना बहे सरस्वती।
रामदेव बाबो स्नान करे।
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
घिरत मिठाई बाबा चढे थारे चूरमो
धूपारी महकार पङे
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
ढोल नगाङा बाबा नोबत बाजे
झालर री झणकार पङे
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
दूर-दूर सूं आवे थारे जातरो
दरगा आगे बाबा नीवण करे।
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
हरी सरणे भाटी हरजी बोले।
नवों रे खण्डों मे निसान घुरे।
लाछां सुगणा करे थारी आरती।
हरजी भाटी चंवर ढोले।
पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया।
GERI GERI BIRKHA BHAYA / Ramapir Bhajan Liyrics in Hindi
गेरी गेरी बिरखा भाया ,
थे पाछा कैया जावो।
म्हाने साँची साँची ,
बात बतावो जियो।
खम्मा खम्मा खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
रुणिचे रा राजा ,
हेलो साम्भलो जियो।
खम्मा खम्मा खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
थे तो अजमल जी बीरा ,
बांजिया कहिजो।
म्हारा सुगन ख़राब ,
घना होवे जियो।
खम्मा खम्मा खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
घणी घणी खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
पुजारी बता दे कठे ,
द्वारका रो नाथ में तो ,
दर्शन करवा आयो जियो।
घणी घणी खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
रुणिचे रा राजा ,
हेलो साम्भलो जियो।
वारी वारी ओ रामापीर ने।
द्वारका रा नाथ घणी ,
अरज गुजारु थारे माथे ऊपर ,
पट्टी कैया बाँधी जियो।
घणी घणी खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
रुणिचे रा राजा ,
हेलो साम्भलो जियो।
घणी घणी खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
मे तो म्हारा बापजी ,
उण मूरत रे मारी ,
गलती म्हारी बगसावो जियो।
घणी घणी खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
रुणिचे रा राजा ,
हेलो साम्भलो जियो।
घणी घणी खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
बांझिया तो केवे ,
म्हारो मुख नहीं देखे ,
ऐडा काही पाप कमाया जियो।
घणी घणी खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
रुणिचे रा राजा ,
हेलो साम्भलो जियो।
घणी घणी खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
भादरवा री बीज रो ,
थारे आवुला में आंगणे ,
आय पालणीये झुलु जियो।
घणी घणी खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा।
रुणिचे रा राजा ,
हेलो साम्भलो जियो।
घणी घणी खम्मा रे ,
कंवर अजमाल रा
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(ramapir bhajan)
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