Ramapir ranuja ke abhishek kyo kiya jata hai
Baba Ramdevji Ka Abhishek अभिषेक शब्द संस्कृत शब्दकोश से लिया गया है । abhishek kya hota hai ? – अभिषेक क्या होता है ?
जो हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म की पूजा विधि को दर्शाता है।इसका सीधा अर्थ शुद्धि एवं सफाई से संबंधित है जो वास्तविक पूजा अनुष्ठान का प्रतीक है।हिंदू धर्म के लोग अपने आराध्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं।अपने आराध्य स्वरूप प्रतिमा की शुद्धता एवं सफाई के लिए अपने आराध्य का अभिषेक करते हैं।
अभिषेक क्यों किया जाता है?- kyo kiya jata hai abhishek
हिंदू धर्म के लोग मंदिरों को शुद्ध रखने के लिए वहां पर अभिषेक का आयोजन करते हैं ।वे अपने आराध्य स्वरूप प्रतिमा एवं आसपास की शुद्धता एवं सफाई के लिए वहां पर अभिषेक करते हैं। उनका मानना है कि
अभिषेक करने से वातावरण तथा वहां का स्थान शुद्ध हो जाता है। तथा नकारात्मक उर्जा का नाश हो जाता है , चारों और सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बन जाता है।
किन किन सामग्री का प्रयोग किया जाता हैं अभिषेक करने में ?
भारतीय परंपरा के अनुसार तथा हिंदू धर्म में भक्तगण अपने आराध्य का अभिषेक करने के लिए अलग-अलग सामग्रियों का प्रयोग करते हैं। जिनमें सामान्यतया गाय का देसी घी, सोने चांदी का वर्क, चंदन, कुमकुम, फूल, फल, इत्र, दही, दूध, गुलाब जल, नारियल, मिठाई या फिर पंचमेवा जैसी सामग्रियों का प्रयोग करते हैं।
Baba Ramdevji Ka Abhishek – बाबा रामदेव जी के अभिषेक हेतु आवश्यक सामग्री?
बाबा रामदेव जी ramapir – को मारवाड़ , गुजरात सहित अन्य प्रांतों के लोग मानते हैं तथा इनकी पूजा आराधना करते हैं।
अभिषेक हेतु निम्न सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है- गाय का दूध, गाय का देसी घी, दही, सहज, इत्र, गुलाब जल, सोने चांदी का वर्क, फल, फूल, मिठाई या पंचमेवा, चंदन, नारियल,कुमकुम, बाबा की ध्वजा, बाबा का घोड़ा तथा समाधि हेतु चादर का प्रयोग किया जाता है।
बाबा रामदेव जी का अभिषेक कैसे किया जाता है?
रणुजा के राजा – बाबा रामदेव जी की समाधि के अभिषेक के लिए सर्वप्रथम समाधि को स्वच्छ जल से नहलाया जाता है। उसके बाद दूध से समाधि को नहलाते हैं फिर दही, जी, मधु, इत्र, गुलाब जल से समाधि को नहलाया जाता है। इसके बाद फिर से समाधि को दूध से नहलाया जाता है तथा बाद में समाधि को गंगाजल से धोकर इत्र से सुगंधित किया जाता है । समाधि पर सोने या चांदी का वर्क लगाया जाता है। तथा चंदन या कुमकुम से तिलक किया जाता है ।
यह सब हो जाने के बाद बाबा की समाधि पर भक्तों द्वारा लाई हुई सामग्री को चढ़ाया जाता है । फिर समाधि के ऊपर चद्दर, बाबा का घोड़ा, बाबा की ध्वजा तथा माला इत्यादि पहनाई जाती है यह सब हो जाने के बाद बाबा की आरती की जाती है तथा उसके पश्चात बाबा को पंच मेवे का भोग लगाया जाता है ।
भोग लगाने के पश्चात भक्तों को प्रसाद स्वरूप भोग दिया जाता हैं ।

बाबा रामदेव जी का अभिषेक किस समय तथा किन के द्वारा किया जाता है?
(अलख धणी)बाबा रामदेव जी की समाधि पर अभिषेक प्रातः काल मंदिर के द्वार खुलने के समय अर्थात 4:00 बजे किया जाता है।
तथा सर्दियों में यह समय 4:00 बजे से बदलकर 4:30 बजे कर दिया जाता है।
भादवा मेले के वक्त अभिषेक समय 3:30 बजे कर दिया जाता है।
बाबा रामदेव जी का अभिषेक ज्यादातर मंदिर के पुजारी तथा बाबा के वंशज गादीपति राव भोम सिंह जी तवर के द्वारा किया जाता है।
तथा भादवा मेला में भाद्रपद दूज को विशेष तौर पर मंत्रीगण की उपस्थिति में अभिषेक करवाया जाता है।
रामदेव जयंती ramapir no janam
ramapir रामदेव जयंती, ramapir wikipedia अर्थात् बाबा का जन्मदिवस प्रतिवर्ष उनके भक्तों द्वारा सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है। यह तिथि हिन्दू पंचांग के भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की दूज पर पड़ती है। इस दिन राजस्थान में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है और रामदेवरा के मंदिर में एक अंतरप्रांतीय मेले का आयोजन होता है जिसे “भादवा का मेला” कहते हैं। इस मेले में देश के हर कोने से लाखों हिन्दू और मुस्लिम श्रद्धालु यात्रा करते हुए पहुंचते हैं तथा बाबा की (When Is The Bhadwa Fair Of Baba Ramdev Ji Held? (भादवा मेला 2022 कब लगेगा ramapir story)समाधि पर नमन करते हैं।