Ramsarovar ka nirman

Ramsarovar ka nirman ramdevra ka itihas

Ramsarovar ka nirman – रामसरोवर का निर्माण

Ramsarovar ka nirman
Ramsarovar ka nirman

 

Ramsarovar ka nirman :नमस्कार आज के इस आर्टिकल एक ऐसे सरोवर के बारे मे बात करेंगे जिसके जल की तुलना गंगा मैया के जल से की जाती है । जी हा ,हम बात करेंगे रामदेवरा स्थित रामसरोवर की । रामदेवरा मे स्थित रामसरोवर के जल को बाबा रामदेवजी के भक्त गंगा मैया के जल के समान पवित्र तथा पूजनीय मानते है ।

क्या आपने कभी रामसरोवर के इतिहास को जानने का प्रयास किया की इसका निर्माण कब व किसके द्वारा कराया गया होगा ? क्यों रामसरोवर को पूजा जाता है ? क्यों इसके जल की तुलना गंगाजल से की गई ?आइए जानते है रामसरोवर के सम्पूर्ण इतिहास को ।

रामसरोवर की आवश्यकता क्यों पड़ी – Ramsarovar ka nirman

राम सरोवर का निर्माण बाबा रामदेवजी की समाधि स्थली रामदेवरा मे ठीक समाधि के पीछे बना हुआ है । बाबा रामदेव जी ने सामाजिक समरसता से ऊपर उठकर जाति एवं धर्म भेदभाव परे रामदेवरा ग्राम की स्थापना की जहां पर सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर एवं भेदभाव को भुलाकर एक साथ रहते है । बाबा रामदेव जी द्वारा बसाए गए नगर में चारों ओर सुख समृद्धि थी।

नगर में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं थी बस रामदेवरा में पीने के पानी का अभाव था जिसके कारण समस्त ग्राम वासियों को पीने के पानी के लिए रखे दूर जाना पड़ता था । रामदेवरा ग्राम की इसी जल की समस्या के कारण रामसरोवर की आवश्यकता पड़ी । जल की इसी समस्या से व्यथित होकर रामदेव जी के ग्रामवासी बाबा रामदेव जी के पास आकर मदद की गुहार लगाते हैं तथा पानी की समस्या के निवारण का उपाय मांगते हैं ताकि उन्हें पानी के लिए भटकना नहीं पड़े ।

रामसरोवर का निर्माण – Ramsarovar ka nirman ki kahani

गांव वालों की समस्या को सुनकर रामदेव जी मुस्कुराकरते हैं।  रामदेव जी को मुस्कुराता हुआ देख सभी ग्राम वासियों को आश्चर्य हुआ कि हम यहां अपनी पानी की समस्या से व्यथित हैं और बाबा मुस्करा रहे हैं । तभी एक व्यक्ति ने बाबा से पूछा कि आप मुस्कुरा क्यों रहे हैं? तभी रामदेव जी ने कहा इस समस्या का निवारण आप खुद कर सकते हैं तो आप मेरे सर मदद क्यों मांग रहे हैं ? गांव वाले समझे नहीं ।

तभी रामदेव जी ने कहा आप सभी मिलकर एक समस्या का निवारण कर सकते हैं ,आप सभी मिलकर एक सरोवर की खुदाई करें । यह सुनकर सभी ग्रामवासी खुश हुवे और सरोवर की खुदाई के लिए राजी हुए । रामदेवजी सभी ग्राम वासियों को लेकर सरोवर की खुदाई करते हैं । सरोवर की संपूर्ण खुदाई हो जाने के बाद पानी की समस्या वहीं आ कर पुनः थम गई कि  पानी कहा से लाए ।

रामदेवजी का इंद्रदेव को आदेश – Ramsarovar ka nirman

सभी लोग चिंतित हो गए कि पानी कहां से लाएं ।  बिना पानी के सरोवर किस काम का और वर्षा ऋतु भी दूर थी । तब  रामदेव जी ने निराशा से भरे सभी ग्राम वासियों के चेहरों को देखकर कहा प्रजा जन आप व्यर्थ ही चिंता कर रहे हैं पानी की समस्या का अवश्य निवारण होगा । यह कहकर रामदेवजी वहीं पर ध्यान करने बैठ जाते हैं और मन ही मन में इंद्र देव से प्रार्थना करते हैं ।

इंद्रदेव बाबा रामदेवजी की विनती को स्वीकार कर अपने मेघों को रामदेवरा ग्राम पर घनघोर वर्षा करने की आज्ञा देते हैं । घनघोर वर्षा के कारण सरोवर पूर्ण रूप से जल से भर जाता है।  रामदेव जी के इस चमत्कार को देखकर सभी लोग रामदेव जी की जय जयकार करने लगते हैं । रामदेव जी ने सरोवर का नामकरण करते हुए इसका नाम राम सरोवर रखा ।

रामसरोवर के जल को क्यों पूजा जाता है ?

रामसरोवर का निर्माण बाबा रामदेवजी के द्वारा कराया गया था । जब रामसरोवर का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था तब रामदेवजी ने अपने भक्तों को रामसरोवर के जल की महिमा बताते हुवे कहा था की जो कोई मेरा भक्त मेरे नाम की मन्नत रख इस सरोवर मे स्नान करेगा उसकी सभी मनोकामनाए पूर्ण होगी । तथा साथ ही उसके सभी रोगों का नाश होगा । यही कारण है की बाबा के भक्त रामसरोवर के जल को पवित्र तथा पूजनीय मानते है ।

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