hariyali teej 2022 kab hai

hariyali teej 2022 kab hai

hariyali teej 2022 kab hai

hariyali teej 2022 हरियाली तीज राजस्थान की महिलाओं का प्रमुख त्योहार है।यह त्यौहार श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है।

श्रावण मास में संपूर्ण प्रकृति हरी चादर से ढक जाती हैं अर्थात चारों और हरियाली छा जाती हैं ।पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस त्यौहार को कजली तीज के रूप में मनाते हैं। यह त्यौहार सुहागन स्त्रियों के लिए काफी महत्व रखता है।

इस दिन भगवान शिव व पार्वती जी की पूजा की जाती है।इस दिन महिलाएं झूला झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं तथा खुशियां मनाती हैं।

hariyali teej 2022 kab hai ?

हरियाली तीज का त्यौहार सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है।इस बार हरियाली तीज का त्यौहार 2022 में जुलाई मास में दिनांक 31 को मनाया जाएगा। इस दिन स्त्रियां व्रत व शिव पार्वती की पूजा करती हैं ।

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hariyali teej 2022 हरियाली तीज को मेहंदी का पर्व क्यों कहते हैं?

इस त्यौहार को राजस्थान में मेहंदी का पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने हाथों में, कलाइयों और पैरों में विभिन्न प्रकार की मेहंदी रचाती हैं। इसलिए इसे मेहंदी पर्व भी कर सकते हैं। तीज के दिन सुहागन महिलाएं मेहंदी रचाने के पश्चात अपने परिवार के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद भी लेती हैं।

हरियाली तीज का पौराणिक महत्व क्या है?

hariyali teej हरियाली तीज के पीछे एक पौराणिक कथा है।कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती ने सैकड़ों वर्ष की घोर तपस्या के पश्चात भगवान शिव की प्राप्ति की थी।

यह भी कहा जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए 108 बार जन्म लिया था। फिर भी माता पार्वती को भगवान शिव की प्राप्ति नहीं हुई थी। माता पार्वती ने श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए प्रण किया।

तब भगवान शिव ने पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया था।तभी से इस व्रत का आरंभ हुआ था।इस पर्व पर सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा आराधना कर अपने पति की लंबी उम्र का वर मांगती है। कहा जाता है कि माता पार्वती के कहने पर भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया था ,

कि जो भी कुंवारी कन्याएं इस व्रत को करेगी और शिव पार्वती की पूजा करेगी उन्हें मनवांछित वर की प्राप्ति होगी तथा विवाह की बाधाएं दूर होगी।

इसलिए इस व्रत का अनुष्ठान कुंवारी कन्या तथा सुहागन महिलाएं दोनों करती हैं।

हरियाली तीज के व्रत की पूजा विधि क्या है?hariyali teej 2022

हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।तत्पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प करना चाहिए।इस दौरान “उमामाहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये” के मंत्र का जाप करना चाहिए।

पूजा से पहले भगवान शिव ,मां पार्वती तथा प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी की मिट्टी से प्रतिमा बनाएं या फिर उनकी छोटी-छोटी मूर्तियां को गंगाजल से स्वच्छ करके एक थाली मे या फिर एक स्वच्छ स्थान पर विराजित करें।

फिर एक थाली में सुहागन की समस्त वस्तुओं को सजाकर मां पार्वती को अर्पण करें। यह सब करने के पश्चात भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं। यह सब करने के पश्चात ही तीज की कथा सुने या पढ़ें।

पूजा विधि पूर्ण हो जाने के पश्चात चढ़ाए गए फल तथा वस्त्र इत्यादि सामग्री को किसी ब्राह्मण या फिर किसी जरूरतमंद को दान में दे देना चाहिए।दान करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

hariyali teej 2022के दिन किसकी पूजा की जाती है?

हरियाली तीज के त्यौहार के दिन कुंवारी कन्याओं तथा सुहागन महिलाओं द्वारा भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती हैं।

महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र का वरदान मांगती है।कुंवारी कन्या मनवांछित वर तथा विवाह बाधा दूर करने के लिए हरियाली तीज व्रत करती है।

Jhula Jhool Rahi Sab Sakhiya Aai Hariyali Teej Aaj Lyrics – झुला झूल रही सब सखियाँ आई हरयाली तीज आज लिरिक्स-हरियाली तीज

झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,
राधा संग में झूलें कान्हा झूमें अब तो सारा बाग़,
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,

नैन भर के रस का प्याला देखे श्यामा को नदं लाला,
घन बरसे उमड़ उमड़ के देखों नृत्य करे बृज बाला,
छमछम करती ये पायलियाँ खोले मन के सारे राज,
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,

सावन की आई बहार, टप टप बरसे रे फुंहार,
कोयल कूक उठी है, कूहू गाये पपीहा रे मल्हार,
गाये राधा कृष्ण संग संग में, गूँजें बंसी की आवाज,
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,

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