Prem mandir quotes in hindi

Prem mandir quotes in hindi

प्रेम मंदिर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम की निशानी के रूप में पुरे विश्व में अपनी एक अलग ही पहचान बनाये हुवे है।  आज विश्व के कई बड़े बड़े देशो के श्री कृष्ण और राधा प्रेमी भारत के प्रेम मंदिर में आते है और राधा – कृष्ण नाम की प्रेम धरा में झूमने आते है।

आज के समय में प्रेम मंदिर इतना प्रसिद्ध हो चूका है की कृष्ण प्रेमियों तथा राधा प्रेमियों का यह सपना बन चूका है की वे एक बार प्रेम मंदिर तथा वृन्दावन की रज से अपने शरीर को पवित्र कर सके।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्रेम मंदिर से अवगत करायेगे साथ ही आपको प्रेम मंदिर को समर्पित कुछ photos तथा quotes भी आपको इस आर्टिकल में देखने तथा डाउनलोड करने को मिलेंगे।  इनको आपको आसानी से डाउनलोड कर सकते है।

प्रेम तत्व ना मिटता हे ना कोई मिटा पाएगा, मिटता केवल ये शरीर हे जो पंचतत्वों मे समा जाएगा
वही प्रेम को समझेगा वही प्रेम को पाएगा, जो आपने ह्रदय की गहराई से ये दो शब्द दोहराएगा \”राधे राधे\”

प्रेम क्या है – Prem mandir quotes

भगवान श्री कृष्ण के अनुसार  प्रेम को ना तो कोई मिटा पाया है ओर ना कोई मिटा पाएगा अथार्थ प्रेम अमर है, यदि मिटेगा तो हमारा यह शरीर जो पंच तत्वों मे मिल जाएगा। श्री कृष्ण के अनुसार प्रेम को केवल वही समझ सकता  जो अपने मन की गहराई से ये दो सब्द दोहराएगा \”राधे राधे\” अथार्थ आप आपने मन की गहराई से बिना स्वार्थ के राधे नाम को जपोगे तो आप सच्चे प्रेम को पा सकते है।

प्रेम से ही यह दुनिया का चलन है और  प्रेम तत्व को जिसने मिटाना चाहा है  वो खूद ही इस संसार से मिट गया।   प्रेम को ना तो कोई मिटा पाया है  और  ना कोई मिटा पाएगा।  इस दुनिया मे प्रेम को वही समझ पाएगा जो निस्वार्थ भाव से अपने ह्रदय की गहराई से राधे राधे इन दो शब्दों  को दोहराना शुरू करेगा अथार्थ राधे राधे शब्द  मे ही प्रेम की पूरी परिभाषा को समझा जा सकता है।

प्रेम मंदिर – Prem mandir quotes

वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर भगवान श्री कृष्ण तथा श्री कृष्ण की प्रिया राधा रानी को समर्पित एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। अगर आप इस मंदिर के दर्शन करने जायेंगे तो आपको वहा एक अनोखा दृश्य देखने को मिलेगा , आप पाएंगे की भारतीय लोगो के साथ साथ विदेशी लोग आपको राधा रानी और श्री कृष्ण के प्रेम गीतों में झूमते नजर आएंगे।

यहाँ देश विदेश के कई लोग कृष्ण और राधा नाम की प्रेम धारा में झूमने आते है।  यहाँ पर हर जगह लोग आपको श्री कृष्ण और राधा रानी के भजनो में झूमते हुवे ही नजर आएंगे।  इस मंदिर को श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम की निशानी भी माना जाता है।

प्रेम मंदिर का निर्माण – Prem mandir quotes

मथुरा के वृंदावन में श्री कृष्ण और राधा के प्रेम निशानी के रूम में बने प्रेम मन्दिर  का नवनिर्माण जगद्गुरु कृपालु महाराज द्वारा करवाया गया था।  इस मन्दिर का लोकार्पण 17 फरवरी को किया गया था तथा इस मन्दिर के निर्माण में 11 वर्ष का और लगभग 100 करोड़ रुपए लागत लगी थी।  11 वर्ष समय के बाद तैयार हुआ यह भव्य प्रेम मन्दिर सफेद इटालियन करारा संगमरमर से तैयार  किया गया है।

प्रेम मन्दिर का शिलान्यास 14 जनवरी 2001 को कृपालुजी महाराज के नेतृत्व  मे किया गया था। प्रेम मंदिर के निर्माण मे इटैलियन करारा संगमरमर एक विशेष पत्थर का प्रयोग किया गया है और इसे राजस्थान और उत्तरप्रदेश के एक हजार शिल्पकारों के द्वारा  तैयार किया है। यह सम्पूर्ण प्रेम मन्दिर 54 एकड़ में बना है ओर इस मंदिर की ऊँचाई 125 फुट, लम्बाई 122 फुट ओर चौड़ाई 115 फुट है।

प्रेम मंदिर की विशेषताएं – Prem mandir quotes

प्रेम मंदिर का निर्माण इतना सूंदर किया गया है की इसकी सुंदरता देखते ही बनती है। प्रेम मंदिर के प्रांगण में बने  फव्वारे, राधा-कृष्ण की मनोहर झाँकियाँ, श्री गोवर्धन लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीला की झाँकियाँ उद्यानों के बीच बहुत ही सूंदर तरीके से सजाये हुवे  है, जो इस मंदिर के इतिहास और शोभा को बढ़ाते है।

प्रेम मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वारों पर आठ मयूरों के नक्काशीदार तोरण हैं जो पूरे मन्दिर की बाहरी दीवारों पर राधा-कृष्ण की लीलाओं का  शिल्पानकित चित्रण किया गया है। प्रेम  मन्दिर में कुल 94 स्तम्भ हैं जो राधा-कृष्ण की विभिन्न लीलाओं से सजाये गये हैं। अधिकांश स्तम्भों पर गोपियों की मूर्तियाँ का चित्रण अंकित किया गया हैं, जो सजीव जान पड़ती है।

प्रेम मन्दिर के गर्भगृह के बाहर और अन्दर प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प की उत्कृष्ट  नक्काशी की गयी है तथा संगमरमर की शिलाओं पर राधा गोविन्द गीत सरल भाषा में लिखे गये हैं और  इस मंदिर परिसर में गोवर्धन पर्वत की सजीव झाँकी बनायी गयी है, तथा इसके साथ ही मथुरा के वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

प्रेम  मंदिर के मनमोहक दृश्य  को देखने के लिए देश विदेश से लोग वृंदावन आते हैं।  प्रेम मंदिर की सुंदरता हर किसी को अपनी ओर आकर्षित  कर देती है, यही वजह है कि भक्त यहां पर घंटो रूकने के लिए मजबूर हो जाते हैं | वृंदावन का यह प्रेम मंदिर भगवान श्री कृष्ण ओर राधा और राम-सीता को पूर्ण रूप से समर्पित है।  आपको जानकार यह हेरानी होगी की इस मंदिर को बनने मे पूरे 11 वर्ष का समय लगा था।

प्रेम मंदिर कोट्स – Prem mandir quotes

आपको यहाँ प्रेम मंदिर से सम्बंधित कुछ कोट्स दिखाए गए है तथा साथ ही आपको यहाँ श्री कृष्ण और राधा रानी के कुछ सूंदर चित्रों को भी दर्शाया गया है।  इस कोट्स को आप अपने मोबाइल में भी संजोके रख सकते है।

जहा राधा वहा कृष्ण जिस दिल मे कृष्ण बस जाए
वह विरह मे भी दिल मे कृष्ण को ही पाए \”राधे राधे\”

 

कर भरोसा राधे नाम का धोखा कभी ना खाएगा
हर मोके पर कृष्ण तेरे घर सबसे पहले आएगा

राधा के सच्चे प्रेम का यही इनाम है …
जो लोग लेते कृष्ण से पहले, राधा का नाम है

तेरा मेरा रिसता शादी के मंडप तक ले जाऊंगा
तुम बन जाना मेरी राधा, मे तुम्हारा श्याम बन जाऊंगा

प्रेम पूरा हो तो श्री राम जेसा हो…

ओर अधूरा हो तो राधे श्याम जेसा हो

कर्म तेरे अच्छे हो तो किस्मत भी तेरी दासी है,
नियत तेरी अच्छी हो तो घर में ही मथुरा काशी है

काश मैं कोई ऐसा जुर्म करूं सजा मिले हर्जाने में
मेरा जीवन ही बीते बृंदावन में और मौत मिले बरसाने में

आनंद मे खो जाता हे दिल व्रनदावन की गलियों मे
कुछ अलबेला सा नाश हे राधे राधे की ध्वनियों मे

मेरी जिंदगी में वो दिन आये जब मैं बाँकेबिहारी तेरे वृन्दावन आऊं,
भक्ति भाव से श्रद्धा सुमन चढ़ाऊँ प्रेम में राधे-श्याम राधे-श्याम गाऊं

 

वृन्दावन की नदियाँ बोले राधे राधे राधे,
वृन्दावन की गालियाँ बोले राधे राधे राधे,
वृन्दावन का जन-जनबोले राधे राधे राधे
वृन्दावन का कण-कण बोले राधे राधे राधे

तुम्हारे प्रेम की दीवानी आज भी है राधा,
मथुरा से कब वृन्दावन आओगे कान्हा

दिल में प्रेम को बसाओ, प्रेम में रम जाओ
फिर राधे-श्याम को देखने वृंदावन आओ

वृन्दावन में कान्हा मन मोह ले,
तो मैं कलयुग की राधा बन जाऊँ

 

झूठी दुनियादारी में रमता नहीं मन, सब कुछ है फिर भी निरर्थक लगता है जीवन,
प्रभु हमें भी बुला लो वृन्दावन दे दो मुझे राधा-कृष्ण भक्ति का धन.

 

वृन्दावन सौं वन नहीं, नंदगाँव सौं गाँव।
बंशीवट सौं वट नहीं, कृष्ण नाम सौं नाँव

एक बार अयोध्या जाओ, दो बार द्वारिका, तीन बार जाके त्रिवेणी में नहाओगे।
चार बार चित्रकूट, नौ बार नासिक, बार-बार जाके बद्रिनाथ घूम आओगे॥
कोटि बार काशी, केदारनाथ रामेश्वर, गया-जगन्नाथ, चाहे जहाँ जाओगे।
होंगे प्रत्यक्ष जहाँ, दर्शन श्याम श्यामा के, वृन्दावन-सा कहीं आनन्द नहीं पाओगे॥

निष्कर्ष

प्रेम मंदिर आज भारत का एक अहम भाग बन चूका है जिसका कारण यहाँ आने वाले राधा रानी की भक्ति के दीवाने है।  प्रेम मंदिर तथा इस्कॉन जैसे मंदिरो में विदेशी भक्तो को देखकर ये ख़ुशी होती है की अब  भारत पुनः विश्वगुरु बनने की काफी आगे बढ़ चूका है।  प्रेम मंदिर आज सोशल मिडिया के जरिये भारत के  बच्चे बच्चे में अपनी जगह बना चूका है जिसके कारन आज का हर युवा जीवन में एक बार वृन्दावन आना चाहता है।  जय श्री राधा रानी।

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