Ayodhya Tourism or Ram Mandir History
Ayodhya :अयोध्या का नाम सुनते ही हमारे विचार में रामायण काल का चित्रण देखने को मिलता है।
अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है,जो सरयू नदी के तट पर बसा एक बहुत बड़ा धार्मिक स्थल है।
लोगों का मानना है की इस नगर को मनु ने बसाया था, तथा इसका नाम Ayodhya रखा। अयोध्या शब्द का अर्थ जिससे युद्ध के द्वारा जीता ना जा सके।
पौराणिक कथाओं के अनुसार अयोध्या में सूर्यवंशी राजाओं का राज हुआ करता था इसी सूर्यवंश में भगवान ने अवतार लिया था।
भगवान श्रीराम को भगवान विष्णु का सातवां अवतार के रूप में जाना जाता है। अयोध्या को हिंदू धर्म के पवित्र शहरों में से एक माना जाता है।
राम मंदिर का इतिहास
अयोध्या का इतिहास लगभग 9000 साल पुराना माना जाता है। अयोध्या अपने अंदर कई मंदिरों और पर्यटन स्थलों को समेटे हुए हैं। जहां आपको हिंदू संस्कृति को करीब से देखने और समझने का मौका मिलता है तथा खुद के हिंदू होने पर भी गर्व महसूस होता है।
मुगल काल के समय इस अयोध्या का नाम बदल कर फिरोजाबाद रख दिया गया था , लेकिन बाद में पुनः इसका नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया है।
स्कंद पुराण के अनुसार अयोध्या का संबंध त्रैता युग से बताया जाता है। अयोध्या सरयू नदी के तट पर बसा हुआ है जिसे राजा मनु ने बसाया था।
पुराणों में अयोध्या के बारे में जिक्र किया गया है कि यह श्री राम जन्मभूमि थी। भगवान श्रीराम ने अपना संपूर्ण जीवन यहीं पर बताया था तथा यहीं पर उन्होंने अपना राज किया था।
अयोध्या भगवान श्री राम की कर्मभूमि थी। Ayodhya आर्याव्रत के परम प्रतापी सूर्यवंशी राजाओं की नगरी हुआ करती थी। अयोध्या का संबंध भगवान श्रीराम से होना यह यहां पर मिले अवशेषों के माध्यम से ज्ञात होता है। यही वह भूमि है जहां पर भगवान श्री राम द्वारा बाल लीलाएं, शिक्षा तथा राज पाठ इत्यादि किया था।
अयोध्या का वर्तमान स्वरूप : Shri Ram Janmbhumi
अयोध्या श्री राम जन्मभूमि होने के कारण यहां पर पूर्व कालीन भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बना हुआ था।
परंतु कहा जाता है कि मुगल शासक बाबर ने भगवान श्री राम के मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद का निर्माण किया जिसे बाबरी मस्जिद नाम से जाना जाता था। तथा मुगल शासकों ने Ayodhya का नाम बदलकर फिरोजाबाद कर दिया था।
जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे भारत में कहीं खोजे होने लगी। इन्हीं खोजों के फल स्वरूप फिरोजाबाद में हिंदू मंदिरों के कुछ अवशेष मिलने लगे।
तब वहां के निवासियों ने उस मस्जिद को गिरा दिया तथा मंदिर बनाने की मांग भारत सरकार के सामने रखी। परंतु भारत सरकार इस मुद्दे पर कोई सुनवाई नहीं कर सकती।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर बनाने की मांग को लेकर एक लंबा आंदोलन चलाया गया , जिसके फलस्वरूप सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह प्रस्ताव पारित किया गया की बाबरी मस्जिद का निर्माण श्री राम मंदिर को तोड़कर किया गया था ।
इसलिए इस स्थान पर भगवान श्री राम का भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा तथा मुस्लिम समुदायों को अलग से कुछ भूमि मस्जिद निर्माण के लिए दी जाएगी।
स्वयं सेवकों तथा श्री राम भक्तों द्वारा चलाए गए लंबे आंदोलन के फल स्वरूप आज उसी स्थान पर Ram Mandir बनने जा रहा है।
राम मंदिर के लिए समिति का गठन किया गया तथा उन्होंने बताया कि राम मंदिर का निर्माण 107 एकड़ के क्षेत्र में किया जाएगा जो की पहले 70 एकड़ थी। अयोध्या लगभग 144 किलोमीटर लंबाई तथा 36 किलोमीटर चौड़ाई में बसा हुआ है। अयोध्या को मूल रूप से हिंदुओं के मंदिरों का शहर कहा जाता है।
अयोध्या के प्रमुख दर्शनीय स्थल Ayodhya Tourism
Ayodhya को घाटों एवं मंदिरों का शहर भी कहते हैं। आपको यह पता होगा कि अयोध्या में कुल 5000 से भी अधिक छोटे-बड़े मंदिर उपस्थित है। इसके अलावा भी कई पवित्र घाट है जिनमें से कुछ प्रमुख घाट इस प्रकार है रामघाट, लक्ष्मण घाट ,गुप्तार घाट तथा जानकी घाट।
यहां पर आए लोग इन घाट पर स्नान करते हैं तथा उनका मानना है कि इन घाट में स्नान करने से समस्त पाप धुल जाते हैं और आत्मा शुद्ध हो जाती है।
अयोध्या में लगभग 14 प्रमुख घाट है। इनमें से हाय घाट से जुड़ी पौराणिक कथाएं हैं। इसी तरह एक ऐसा घाट है जहां प्रभु श्री राम ने सरयू नदी में उतर कर जल समाधि ले ली थी।
अयोध्या के तीर्थ घाट
- गुप्त द्वार घाट
- केकई घाट
- कौशल्या घाट
- पाप मोचन घाट
- लक्ष्मण घाट
- ऋण मोचन घाट
- शिवाला घाट
- नया घाट
- जानकी घाट
- जटायु घाट
- अहिल्याबाई घाट
- सहस्त्रधारा घाट
- धोर हरा घाट
- राम घाट
राम मंदिर से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्य
यहा आपको श्री रामजन्मभूमी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को बताया गया है जो आज विवादों से घिरे हुवे है
भगवान श्रीराम का जन्म कब हुआ था?
भगवान वाल्मीकि जी द्वारा लिखी गई रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास शुक्ल पक्ष की नवमी को 5114 ईसा पूर्व को Shri Ram Janmbhumi-अयोध्या के परम प्रतापी महाराज दशरथ के यहां हुआ था।
Ayodhya का विवाद क्या था/ विवादित मुद्दा
अयोध्या का विवादित मुद्दा एक ऐतिहासिक और धार्मिक व्यवस्था से संबंधित था, जो कि नब्बे के दशक में ज्यादा उभर रहा था। इस विवाद का मूल कारण राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर था।
हिंदू लोगों का मानना था कि बाबरी मस्जिद का निर्माण भगवान श्री राम के मंदिर को तोड़कर किया गया था तथा मुस्लिम समुदाय के लोग यह मानते थे कि यहां पर शुरू से ही बाबरी मस्जिद थी।
राम मंदिर की नींव कब रखी?
हिंदू धार्मिक मंदिरों में से अयोध्या का राम मंदिर प्रमुख है। अयोध्या में बंद रहे भगवान श्री राम के भव्य मंदिर की नींव भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा रखी गई थी।
श्री राम मंदिर विवाद के फैसले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा कब की गई?
Ayodhya की पवित्र भूमि पर हिंदुओं के आराध्य भगवान श्री राम की मंदिर के स्थान पर मस्जिद का निर्माण किया गया था। यह मस्जिद मुगल शासन के दौरान बनाई गई थी, जिसे बाबरी मस्जिद कहा जाता था।
हिंदू लोगों की मांग थी कि इस स्थान पर पुनः भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनवाया जाए जबकि मुस्लिम लोग इस मांग के विरुद्ध थे।
इस विवाद को मिटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या में उस स्थान पर मिले मंदिर के अवशेषों के आधार पर मस्जिद के स्थान पर श्री राम जी का भव्य मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया ।
तथा मुस्लिमों को अलग से भूमि आवंटित की गई जहां विश्वजीत बना सके। इस विवादित फैसला सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की अगवाई में 9 नवंबर 2019 को किया गया था।
श्री राम मंदिर का निर्माण कब और किसने करवाया था?
Ram Mandir का निर्माण ईशा के लगभग 100 वर्ष पूर्व उज्जैन के चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने करवाया था।
जब वे शिकार करने के लिए निकले तो शिकार करते करते वह इतने दूर निकल पड़े कि अयोध्या पहुंच गए।
विक्रमादित्य को अयोध्या में बहुत चमत्कार तथा दैव्य शक्तियों का आभास होने के संकेत मिले। तब उन्होंने इन शक्तियों का जिक्र ऋषि मुनियों से किया तब ऋषि यों ने बताया कि यह श्री राम जन्मभूमि है।
यही वह भूमि है,जहां भगवान विष्णु के साक्षात अवतार श्री राम ने अपनी संपूर्ण मिलाएं की थी। उन मुनियों ने सम्राट विक्रमादित्य को भगवान श्री राम की संपूर्ण कथा सुनाई।
विक्रमादित्य कथा सुनने के पश्चात भगवान श्री राम की भक्ति में लीन हो गए उसी स्थान पर भगवान श्री राम का विशाल एवं भव्य मंदिर का निर्माण करवाया।
भगवान श्री राम जी का मंदिर कब तक बनकर तैयार हो जाएगा ?
भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण का प्रथम चरण कार्य पूर्ण हो चुका है । राम मंदिर के निर्माण का लक्ष्य 2024 रखा गया है, इसलिए इस मंदिर के निर्माण का कार्य रात दिन चलता रहता है।
मंदिर की प्रोजेक्ट मैनेजर वीके मेहता ने बताया कि 2023 के दिसंबर मास तक भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का कार्य संपूर्ण हो जाएगा।
बाबरी मस्जिद को किसने और कब गिराई थी?
Ayodhya में भगवान श्री राम के मंदिर के स्थान पर जो बाबरी मस्जिद बनाई गई थी उसको भगवान श्री राम की भक्तों ने 6 दिसंबर 1992 की सुबह को गिरा दिया था। इस बाबरी मस्जिद को गिराने की संपूर्ण जिम्मेदारी राम भक्त कल्याण सिंह ने ली थी।
बाबरी मस्जिद के नीचे राम मंदिर के क्या-क्या साक्ष्य मिले हैं?
Ram Mandir निर्माण के दौरान मंदिर की नींव खोदते समय 20 फुट के अंतराल में कई प्राचीन अवशेष मिले जिनमें ऐतिहासिक एवं प्राचीन चरण पादुका, खंडित मूर्तियां तथा मंदिर के अवशेष के रूप में स्तंभ इत्यादि मिले। जिन्हें राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा सुरक्षित रखा गया है।
ट्रस्ट के मुताबिक इन अवशेषों की जांच करवाई जाएगी तथा मंदिर निर्माण के बाद संग्रहालय में सुरक्षित रखा जाएगा। जिससे देश विदेश के लोग भी इन अवशेषों को देख सकेंगे और हमारी प्राचीन सभ्यता को भी जान सकेंगे।
भगवान श्री राम मंदिर के द्वार भक्तों के लिए कब तक खोले जाएंगे?
भगवान श्री राम का जो अयोध्या में मंदिर बन रहा है उसका काम बहुत तेजी से चल रहा है।
भगवान श्री राम मंदिर के दर्शन के इंतजार कर रहे राम भक्तों के लिए एक अच्छी खबर है कि वह 2023 के दिसंबर माह तक इस भव्य मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
सभी आम श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर के द्वार 2023 के दिसंबर माह तक खोल दिए जाएंगे तथा इस मंदिर परिसर का संपूर्ण कार्य 2024 तक पूरा हो जाएगा।
राम मंदिर न्याय समिति का क्या नाम है?
Ram Mandir मे समिति का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र हैं। एक ट्रस्ट का नाम है।
भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ने बुधवार 5 फरवरी 2020 को लोकसभा में राम मंदिर पर चर्चा के दौरान यह घोषणा कि की राम मंदिर के लिए बनने वाले ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा।
श्री राम मंदिर का उद्गाटन कोन करेगा तथा कब ?
raam mandir का उद्गाटन हिंदू समाज के उन प्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा जिनका सहयोग रहा हे और ऐसा कहा जा रहा हे की उद्घाटन में भारत के प्रधानमंत्री मोजूद रहेंगे और ऐसा मन जा रहा हे की जनवरी 2024 मे shri ram janmbhumi का उद्गाटन किया जायेगा |
श्री राम जन्म भूमि का उद्घाटन की दिनाक की किया जाएगा
22 जनवरी 2024 श्री राम जन्म भूमि अयोध्या में गर्भ गृह का उद्गाटन कर दिया जाएगा यह भारत के लिए गर्व की बात है |
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