जैसलमेर का इतिहास सोनार दुर्ग
jaisalmer ka kila जैसलमेर भारत के राजस्थान राज्य की शान और थार रेगिस्तान में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मे से एक है । जैसलमेर राजधानी दिल्ली से 772.4 km दुरी पे स्थित है ।
सर्दी के मोसम में भारत और विदेशों के लोगो का यह आकर्षण का केंद्र बन जाता है ।
नमस्कार दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में जैसलमेर, जैसाना, धरती धोरा री , के ऐसे इतिहास के बारे में जानेगे जो आपने ने आज दिन तक कभी नही पढ़ा होगा ।
जैसलमेर कभी जैसलमेर सल्तनत की राजधानी थी और आज भी राजस्थान का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह थार रेगिस्तान में स्थित है और हिंदू मान्यता को समर्पित है। यह पूरे भारत के पर्यटकों द्वारा सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है।
जैसलमेर में घुमने लायक स्थान jaisalmer tourist places
जैसलमेर भारत के उत्तर-पश्चिमी राज्य राजस्थान का एक शहर है। यह अपने किलों, महलों और हवेलियों के लिए जाना जाता है। यह शहर जैसलमेर आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य केंद्र के रूप में कार्य करता है। जैसलमेर पर्यटन की दॄष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान है। jaisalmer का मुख्य आकर्षण यहाँ का प्रसिद्ध सोनार किला है ,इसके अलावा जैसलमेर अपनी हवेलियों ,मंदिरो तथा धोरो से पर्यटकों को आकर्षित करते है । यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल आगे दिखये गए है –
1 जैसलमेर का सोनार दुर्ग jaisalmer ka kila golden fort
2 लोंगेवाला वॉर म्यूजियम longewala war museum
3 तनोट माता मंदिर tanot mata mandir
4 सम के धोरे sam sand dunes
5 पटवों की हवेली patawon hi haweli
6 गड़ीसर झील gadisar lake
7 बड़ा बाघ bada bagh
8 जैन मंदिर jain temple
9 कुलधरा kuldhara
10 सलाम सिंह की हवेली saalam singh ki haweli
11 ताज़िआ टॉवर tazia tower
12 खाबा फोर्ट khaba fort
जैसलमेर का इतिहास – jaisalmer ka kila or history
जैसलमेर, राजस्थान का प्रसिद्ध शहर है जो इसके इतिहास की गहराई और विविधता को दर्शाती है। यहां के प्राचीन इतिहास में वैज्ञानिक और स्थानीय व्यक्तियों द्वारा बने विविध विविध भवनों और मंदिरों को दर्शाता है। जैसलमेर के बारे में शायद ही किसी को पता होगा की जैसलमेर भगवान श्री कृष्ण के वंशजो की राजधानी रह चुका है।
jaisalmer राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित एक शहर है। यह अपने किले के लिए जाना जाता है जिसे सोनार का किला या जैसलमेर का किला कहते है । जैसलमेर का सटीक इतिहास आपको कही भी देखने को नहीं मिलेगा क्यों जैसलमेर में कोई इतिहासकार पंहुचा ही नहीं । अगर आपको जैसलमेर का सटीक इतिहास जानना हो तो आप यहाँ के विद्वानों से जान सकते हो ।
जैसलमेर की स्थापना और नामकरण jaisalmer ka kila ki sthapna
जैसलमेर शहर के किले की नींव 12 जुलाई 1156 को महाराजा जैसल ने रखी थी । जैसलमेर तथा उसका किला एक मेरु पर्वत की पहाड़ी पर बसाया गया था । जैसलमेर का नामकरण इसी पहाड़ी और महाराजा जैसल के नाम पर किया गया था । महारावल जैसल और मेरु पर्वत के नाम को मिलाकर इस शहर का नाम जैसलमेरु रखा गया था। परन्तु मुगलों के आने के बाद इसका नाम जैसलमेर पड़ गया था ।
जैसलमेर के किले का नाम सोनार का किला क्यों पड़ा jaisalmer ka kila sonar kila
आप सभी लोग जैसलमेर के किले को सोनार का किला कहकर सम्बोधित करते है,क्या कभी आपने यह सोचा की जैसलमेर के किले को सोनार का किला क्यों कहते है या फिर सोनार किला नाम कैसे पड़ा ?
दरअसल 1972 में हिंदी सिनेमा की एक फिल्म बनी थी जिसका नाम था \”सोनार किला\” । सत्यजीत के द्वारा बनाई गयी यह फिल्म इतनी पॉपुलर हुयी थी लोग यहाँ जैसलमेर के किले को देखने दूसरे राज्यों से भी आने लगे थे । इन सभी लोगो को किले का नाम सोनार का किला के नाम से ही ज्ञात था ,तो इसी को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा इस किले का नाम सोनार का किला घोषित कर दिया गया था तथा शहर का नाम स्वर्ण नगरी रख दिया गया ।
जैसलमेर का वास्तविक इतिहास jaisalmer ka kila
जैसलमेर का वस्तसिक इतिहास यहाँ के लोगो से ही जाना जा सकता है क्योकि उस समय जैसलमेर जाना बहुत ही मुश्किल था । जैसलमेर के इसी मुश्किल यात्रा को एक लोक कहावत में बताया गया है
घोड़ा कीजे काठ का, पिंड कीजे पाषाण।
बख्तर कीजे लोह का, तब देखो जैसाण।।
यह जैसलमेर की प्रसिद्ध कहावत है । जिसका मतलब होता है अगर आपको जैसलमेर आना है तो आपके पास ऐसा घोड़े होना चाहिए जो लकड़ी के घोड़े की तरह चारा पानी नहीं मांगे और पैर पाषाण की मजबूत हो जिसे थार के धोरो की रेत की गर्मी को सहन करने की शक्ति हो और कपङे लोहे की चादर के सामान सख्त हो तभी आप जैसलमेर पहुंच पाएंगे वरना जैसलमेर की गर्मी में झुलस जाओगे ।
जैसलमेर शहर की स्थापना महारावल जैसल ने की और 1156 में सोनार किले का निर्माण कर अपना शासन चलाया । महारावल जैसल ने अपने भाई विजयराज द्वितीय के पुत्र भोजदेव को सत्ता से हटाकर अपना शासन कायम किया । जैसलमेर को पूर्व में बळवंडल के नाम से जाना जाता था ,जिसकी राजधानी लोद्रवा हुआ करती थी । परन्तु समय के साथ साथ जैसलमेर की राजधानी बदलती गयी और बाद में जैसलमेर ही राजधानी के रूप में स्वीकारा गया ।
जैसलमेर का वातावरण jaisalmer ka kila environment
थार के मरुस्थल में स्थित जैसलमेर भारत के पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण केंद्र है । यहाँ पर पीने के पानी की बहुत कमी है ,यहाँ की ज्यादातर जनसँख्या नहरी पानी पर निर्भर करती है । यहाँ पर गर्मियों में अधिक गर्मी तथा सर्दियों में बहुत अधिक सर्दी रहती है । यहाँ के धोरे वाले इलाको में आप रात को गर्मियों में भी ठण्ड का अनुभव करोगे ।
जैसलमेर सम्बंधित तथ्य jaisalmer facts
जैसलमेर के किले को सोनार का किला या स्वर्णगिरि का किला भी कहा जाता है ।
जैसलमेर के शासको की तीन राजधानिया हुआ करती थी तनोट ,लोद्रवा और जैसलमेर ।
जैसलमेर का प्रमुख आकर्षण केंद्र यहाँ का किला है ।
जैसलमेर में घूमने का सही समय दिवाली के बाद का होता है ।
जैसलमेर भारत पाकिस्तान बॉर्डर के ठीक पास में है ।
जैसलमेर की मुख्य भाषा मारवाड़ी है ।
यहाँ का मुख्य भोजन केर सांगरी और बाजरे की रोटी है ।
यहाँ का पहनावा धोती कुरता और घागरा चोली है ।
यहाँ के प्रमुख मेलो में डेजर्ट फेस्टिवल प्रमुख है ।
जैसलमेर राजधानी दिल्ली से सीधी ट्रैन आती है जो आपको महज 18 घंटो में जैसलमेर पंहुचा देगी ।
जैसलमेर के लोकगीत
जैसलमेर अपने लोकगीतों के लिए पुरे विश्व में विख्यात है । यहाँ के लोकगीत और भजन लोगो को अपनी और आकर्षित करते है । यहाँ के प्रमुख गीतों में मूमल,केसरिया बालम ,राजस्थान टूरिज्म और चमा मेथी के गीत जैसलमेर की शान है । इन लोकगीतों का आनंद आप जैसलमेर की गलियों में ले सकते है क्योकि जैसलमेर की हर गली में आपको नए नए गायन कलाकार मिल जायेंगे ।
जैसलमेर की होटले
जैसलमेर में आपको बहुत सारी होटल देखने को मिल जाएगी परन्तु होटल सूर्यगढ़ जैसलमेर की प्रसिद्ध होटल है । जैसलमेर में जितने भी बॉलीवुड स्टार आते है वे सभी इसी होटल में रुकते है ।
लोगो द्वारा पूछे गए प्रश्न
जैसलमेर का किला कब और किसने बनवाया ?
जैसलमेर का किला महारावल जैसल ने 1156 में बनवाया था ।
जैसलमेर में कोनसा किला प्रसिद्ध है ?
जैसलमेर का सोनार का किला प्रसिद्ध है ।
जैसलमेर के किले का क्या नाम है ?
जैसलमेर के किले को सोनार का किला और स्वर्णगिरि का किला कहते है ।
जैसलमेर का अंतिम राजा कोन था ?
जैसलमेर का अंतिम शासक महारावल गिरधरसिंह जी थे ।
जैसलमेर में घूमने कब जाए ?
जैसलमेर में घूमने का सही समय दिवाली के बाद का है ।
जैसलमेर का पुराना नाम क्या है ?
जैसलमेर का पुराना नाम वललभमण्डल है ।
निष्कर्ष
जैसलमेर भारत के उत्तर-पश्चिमी राज्य राजस्थान का एक शहर है। यह अपने किलों, महलों और हवेलियों के लिए जाना जाता है। यह शहर जैसलमेर आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह अपने सोनार किले ,हवेलियों ,छतरियों ,जैन मंदिरो और धोरो के लिए प्रसिद्ध है।यहाँ के प्रमुख मेलो में डेजर्ट फेस्टिवल प्रमुख है ।
jaisalmer ka kila का नजारा लगभग 4 मील दूर से देखा जा सकता है। जैसलमेर को इसके समृद्ध ऐतिहासिक अतीत और शानदार वास्तुकला के कारण यूनेस्को द्वारा \”किंवदंतियों का शहर\” घोषित किया गया है।
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