Kailash Parvat || भोलेनाथ जी का घर
भारतीय संस्कृति के अनुपम गौरव की बात की जाये तो कैलाश पर्वत का नाम सभी धर्मों के साथ जुड़ा होता है। इस पर्वत को हिमालय पर्वत भी कहा जाता है, और इसको भारतीय साहित्य,संस्कृति, और धार्मिक ग्रंथों में उच्च स्थान पर रखा गया है। इसे ‘कैलाश पर्वत या भोलेनाथ जी का घर’ कहा जाता है।
धरती का केंद्र: Kailash Parvat – धर्मों का केंद्र
हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत, जो धर्मों का महत्त्वपूर्ण स्थल है। इस पर्वत पर उन्नत अलौकिक शक्तियों का प्रवाह माना जाता है, जो आज भी धार्मिक गुरुओं के संपर्क में हैं। कैलाश पर्वत, हिन्दू और बौद्ध धर्मों में एक महत्त्वपूर्ण स्थल माना जाता है। यहाँ पर्वत की ऊँचाई और शांति ध्यान के लिए एकांतपूर्ण स्थान के रूप में माना जाता है।
अलौकिक शक्ति का केंद्र: Kailash Parvat
कैलाश पर्वत में एक्सिस मुंडी कहलाता है, जो अलौकिक शक्तियों का केंद्र माना जाता है। यहाँ ध्यान देने पर ‘ॐ’ की ध्वनि और अज्ञात आवाजें सुनाई देती हैं। कैलाश पर्वत का रहस्य बहुत गहरा है। यहाँ भगवान शिव का अत्यंत पवित्र ध्यान स्थल माना जाता है, जहाँ पर्वत के शिखर पर वे ध्यान और तपस्या में लगे रहते हैं।
पिरामिडनुमा है :Kailash Parvat
कैलाश पर्वत एक अद्भुत पिरामिड की तरह है, जो विशाल है और जिसमें 100 छोटे पिरामिडों का अनोखा संरचना है। इसकी संरचना कम्पास के 4 दिक् बिंदुओं के समान है तथा यह एक ऐसे स्थान पर स्थित है जहा कोई भी बड़ा पर्वत नहीं है ।
शिखर पर कोई नहीं चढ़ सकता: Kailash Parvat
कैलाश पर्वत पर चढ़ना निषिद्ध है, लेकिन कुछ रहस्यमयी घटनाओं के बारे में रिपोर्ट्स मिलती हैं। कैलाश पर्वत प्राकृतिक रहस्यों से भरपूर है। इसे अपनी विशेषता और अनूठापन के लिए जाना जाता है, जो इसे एक अद्वितीय स्थल बनाता है।
कैलाश पर्वत को सदियों से एक अद्वितीय स्थल माना जाता है। इसकी ऊँचाई, उनकी अद्भुतता और अनूठापन ने इसे रहस्यमय बनाया है। यहाँ पर्वत के रहस्यों और गहरी चुनौतियों की चर्चा होती है।
इस पर्वत पर चढ़ना निषिद्ध होने के बावजूद, एक 11वीं सदी के तिब्बती बौद्ध योगी, मिलारेपा, ने चढ़ाई की थी। यह रहस्य है कि कैसे उन्होंने इस कठिनाई को पार किया।
दो रहस्यमयी सरोवरों का रहस्य: मानसरोवर और राक्षस
मानसरोवर और राक्षस झील की ऊर्जा सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का प्रदर्शन करती हैं, जो सौर और चन्द्र बल को प्रकट करती हैं।
चार नदियों का उद्गम : Kailash Parvat
कैलाश पर्वत से चार नदियाँ उद्गमित होती हैं, जिनमें से ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलज और करनाली शामिल हैं। यहाँ से ही इन नदियों का उद्गम होता है और इन्हीं नदियों से गंगा, सरस्वती और अन्य नदियाँ निकलती हैं।
Kailash Parvat एक आध्यात्मिक गुरु
कैलाश पर्वत पर केवल पुण्यात्माएं ही रह सकती हैं, जो ध्यान और आध्यात्मिक संपर्क में रहती हैं।
यहां पर्वतीय क्षेत्र के रहस्यों और अद्भुतताओं की बातें विचार करती हैं। कैलाश पर्वत और उसके चारों ओर के वातावरण में अलौकिक शक्तियों के प्रवाह की बातें सुनने को मिलती हैं। यहां वैज्ञानिकों के अनुसार अलौकिक शक्तियों का संपर्क होता है और धार्मिक गुरुओं से भी जुड़ाव रहता है।
डमरू और ‘ॐ’ की ध्वनि
कैलाश पर्वत के पास जाने पर, आपको निरंतर ‘ॐ’ की ध्वनि सुनाई देगी। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ध्वनि बर्फ के पिघलने की हो सकती है।
अद्भुत दृश्य
कैलाश पर्वत पर 7 तरह की अलौकिक लाइटें चमकती हैं, जो वैज्ञानिकों के अनुसार चुम्बकीय बल के कारण हो सकती हैं।
इन सभी रहस्यमयी तथ्यों के बावजूद, कैलाश पर्वत एक अनूठा स्थान है जिसे ब्रह्मांड की सर्वोच्च ऊर्जा से जोड़ा जाता है। यहाँ की अलौकिकता और अद्भुतता ने इसे भगवान भोलेनाथ का घर माना है।