Ramsetu History || एक रहस्य

Ramsetu History || एक रहस्य

Ramsetu त्रेतायुग के भगवान श्री राम से सम्बंधित है। रामसेतु भारत के तमिनाडु राज्य के दक्षिणी पूर्वी रामेश्वर के तट के किनारे बना हुआ है जो भारत तथा श्री लंका दो देशो को आपस में जोड़ता है। रामसेतु का निर्माण आज से लगभग हजारो साल पहले हुआ था।

पुराणों के अनुसार रामसेतु भगवान श्री राम द्वारा बनाया गाय था। कहा जाता है कि जब भगवान श्री राम लंका पर आक्रमण करने जा रहे थे तब भारत और श्री लंका के बिच के समुन्द्र को पार करने के लिए सेतु का निर्माण करवाया था।

बात उस समय की है जब भगवान श्री राम अपनी पत्नी माता सीता और भैया लक्ष्मण के साथ वन में निवास कर रहे थे तब अधर्मी रावण माता सीता को उठाकर ले गया था। तब भगवान श्री राम सीता माता की खोज में निकल पड़े। माता की खोज में श्री राम का मिलन अपने परम भक्त हनुमान से हुआ। हनुमान ने अपने आराध्य प्रभु श्री राम की वानर राज सुग्रीव से मित्रता करवाई।

श्री राम ने महाराज सुग्रीव तथा अपनी वानर सेना की सहायता से माता सीता का पता लगा लिया। माता की सुध मिलते ही भगवान श्री राम लंका पर चढ़ाई करने के लिए निकल पड़े। लंका की जाते जाते श्री राम भारत के अंतिम छोर तमिलनाडु राज्य पहुंचे। वह पर उनको लंका तो दिख गयी पर जाने का रास्ता नहीं मिल रहा था।

Ramsetu History || एक रहस्य

Shree Ram or Samundra dev

श्री राम ने समुन्द्र देव रास्ता मांगने के लिए उनसे विनती करते है ,परन्तु समुन्द्र देव ने श्री राम को रास्ता नहीं दिया। इस पर राम जी को क्रोध आ गया और पुरे समुन्द्र को सूखने के लिए एक शक्ति बाण का संधान किया। समुन्द्र देव भयभीत होकर श्री राम के चरणों में आ जाते है ,और क्षमा याचना करते है। इस पर भगवान श्री राम उन्हें शमा कर देते है और लंका जाने के लिए रास्ता मांगते है।

इस पर समुन्द्र देव हसकर कहते है की आपकी सेना में नल नील नाम के दो वानर है जो देवशिल्पी विश्वकर्मा के मानस पुत्र है जो एक अच्छे शिल्पकार है। आप उनको आदेश करो की वे समुन्द्र पर पत्थरो का सेतु बांधे क्योकि इन दोनों को एक ब्राह्मण से श्राप मिला हुआ है की ये जो भी वस्तु पानी में डालेंगे वो डूबेंगे नहीं।

इसी के कारन ये लंका तक Ramsetu बना सकते है। इस पर भगवान् श्री राम ने आदेश दिया सेतु निर्माण का तभी सभी वानर सेना सेतु बनाने में लग गयी। Ramsetu कार्य के दौरान श्री राम ने समुन्द्र के तट पर अपने आराध्य की पूजा करने के लिए शिवलिंग का निर्माण किया। और उस जगह को रामेश्वरम का नाम दिया।

रामेश्वरम का होता है राम का ईश्वर रामेश्वरम। अर्थात जो राम का ईश्वर है वही रामेश्वरम है। इस प्रकार रामेश्वरम से श्री लंका तक रामसेतु का निर्माण हुआ।

Ramsetu का रहस्य

भगवान श्री राम जी के द्वारा बने रामसेतु को बने हजारों साल हो चुके है । परंतु आज तक कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं हुआ जो इस बात लगा सके की ये रामसेतु कीस आधार पर टीका हुआ है । इसका पता लगाने के लिए कई देश विदेश के वैज्ञानिकों ने खोज की परंतु कोई भी इस रहस्य का पता नहीं सका की Ramsetu का आधार क्या है ।

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