jatayus descendants reached ayodhya
जटायु के वंशज अयोध्या पहुँचे
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अयोध्या मे बन रहे राम मंदिर का कार्य तेज रफ्तार से चल रहा है । जब से राममन्दिर के उद्घाटन की तारिक का ऐलान हुआ है तब से देश के सभी राम भक्तों मे रामलला के दर्शनों के लिए काफी उत्साह है । कई वर्षों से चल रहे राम मंदिर विवाद की सुनवाई के बाद 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है ।
इसी बीच रामलला की धरती पर विलुप्त प्रजाति के गिद्ध देखने को मिले जो दिखने मे रामायण काल के जटायु के समान दिखाई देते है । जटायु का रामलला की धरती पर आना लोगों को अचंभित करने विषय बन रहा है । आइए जानते है है की क्या है सम्पूर्ण मामला ।
राम मंदिर मे जटायु jatayu
अयोध्या के मिलकीपुर के जंगलों तथा ग्रामीण इलाकों मे एक विशेष विलुप्त प्रजाति के गिद्ध देखने को मिल रहे है जो दिखने मे ठीक रामायण के जटायु जैसे दिखते है । जटायु का अयोध्या मे आना वो भी उस समय जब राम मंदिर का उद्घाटन की तैयारिया चल रही हो ,यह लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं ।
गिद्ध को देख लोगों का मानना है की ये जटायु के अवतार है । लोग इन गिद्धों को जटायु का अवतार मानकर पूजा कर रहे है तथा आशीर्वाद ले रहे है । लोगों से यह भी सुनने को मिल रहा है की पक्षीराज जटायु पुनः जन्म हुआ है तथा वे रामलला के दर्शन करने अयोध्या आए है ।
कोन है जटायु – jatayu
jatayu जटायु गिद्ध प्रजाति से संबंध रखते है । जटायु का संबंध रामायण से है । जटायु का विवरण महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण के अरण्य कांड मे मिलता है । त्रेतायुग मे जब भगवान श्री राम को अपने पिता द्वारा वनवाश का आदेश मिला था तब पंचवटी मे भगवान श्री राम की पक्षीराज जटायु से मुलाकात हुई थी ।
पक्षीराज जटायु माता सीता को अपनी पुत्री के समान मानते थे । इसी कारण जब अत्याचारी लंकापति रावण माता सीता का हरण करके लंका ले जा रहा था तब जटायु ने ही त्रिलोक विजयी रावण से अकेले संघर्ष किया था तथा अपने प्राणों की आहुति दी थी ।
jatayu – गिद्ध एक विलुप्त प्रजाति
गिद्ध एक विलुप्त प्रजाति है । गिद्धों को प्रकृति के सफाई कर्मी कहा जाता है । भारतीय वन विभाग की गणना के अनुसार 30 वर्षों के भीतर गिद्धों की संख्या काफी कम हो चुकी है । एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार गिद्धों की संख्या 4 करोड़ से घटकर 3.5 लाख से भी कम हो चुकी है ।