अलवर-राजस्थान के 33 जिले की कहानिया
Alvar राजस्थान के 33 जिलों की इस सीरीज में पहला जिला हमारा अलवर है । राजस्थान के अलवर जिले की एक बेहतरीन कहानी आज इस आर्टिकल में जानेंगे की अलवर की कला तथा संस्कृति से कैसे bollywood भी प्रभावित हो गया आइये जानते है ।
राजस्थान का Alvar जिला महशुर है अपने एक अनोखे वाध्ययंत्र के लिए उसी के एक किस्से की चर्चा आज करेंगे ।
यहाँ का भपंग वाद्य यन्त्र राजस्थानी लोक गीत में सर्वश्रेष्ठ है। भपंग का उस्ताद जहूर खान को माना जाता है ।
एक बार की बात है अलवर जो की राजस्थान में स्थित है यहां पर एक बार bollywood की एक movie की शूटिंग चल रही थी उसी दौरान वहाँ उस जमा ने के प्रसिद्ध एक्टर दिलीप कुमार आये हुवे थे ।
भपंग का किस्सा कुछ यह था की यहाँ अलवर में एक दिन मेवाती जी { उस्ताद जहूर खान }बीड़ी बेच रहे थे उस समय दिलीप कुमार जी ग्राहकों को आकर्षित करने की इस कला और भपंग के आवाज से आकर्षित हो गए ।
दिलीप कुमार जी उन्हें अपने साथ bollywood लेके चले गए और उस्ताद जी ने bollywood में कई म्यूजिक में अपने भपंग वाध्ययंत्र से म्यूजिक बनाया –
जैसे – गंगा जमुना , नया दोर , आखे, इत्यादि मूवी ख़ास थी ।
उस्ताद जी ने अपनी कला का प्रदर्शन भारत तथा विदेश में भी किया और राजस्थान के जिले अलवर का नाम पुरे विश्व में प्रसिद्ध किया ।
भपंग की उत्पति और इसे कौन बजाते है ?
भपंग की उत्पति –
वाद्य यंत्र भपंग के उत्पत्ति का समय शिव भगवान के समय से संबंध रखता है कहा जाता है कि भपंग की उत्पत्ति भगवान शिव के प्रिय वाद्य यंत्र डमरु से हुई थी इसीलिए इसका नाम भपंग रखा गया ।
आखिर इस वाद्य यंत्र भपंग को बजाता कौन है?
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भपंग वाद्य यंत्र मैं सबसे ज्यादा मान्यता रखने वाले लोग मुस्लिम है तथा उनका विश्वास शिव भगवान में है वह लोग ही मानते हैं कि भपंग शिव भगवान के द्वारा प्रदत हमारे लिए एक उपहार है। नियुक्त हो सामान्यतः इस वाद्य यंत्र को मुस्लिम धर्म के लोग बजाते हैं और वह अपने प्राचीन कला और संस्कृति को संजोए हुए हैं तथा भपंग वाद्य यंत्र को बजाने में निपुण है।
तो यह थी मारो राजस्थान के पहले जिले अलवर की कहानी
इसी प्रकार राजस्थान के 33 जिलों कहानियों के लिए आप हमारी वेबसाइट के बाकी आर्टिकल्स भी पढ़ सकते हैं और हमारे यूट्यूब चैनल पर इन्हीं के 30 जिलों के वीडियोस भी वॉच कर सकते हैं
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अलवर के दर्शनीय स्थल
भानगढ़ का किला Alvar
अलवर किले की अरावली पर्वतमाला में स्थित भानगढ़ का किला भारत का सबसे डरावना किला है। यह किला अलवर का सबसे प्रसिद्ध किला है। इस किले को भूतिया किला भी कहा जाता है। भानगढ़ किले में हुई घटनाओ के कारण यहाँ पर आने के लिए हर कोई व्यक्ति डरता है। यहाँ तक की भारतीय पुरातत्व विभाग भी रात को यहाँ आने का निषेध कर चूका है।
सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण्य Alvar
वन्य जीव सरिस्का अभ्यारण्य लगभग 800 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ Alvar शहर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। हाल ही में इसका पुनः नामकरण किया गया है जिसमे इसका नाम बदलकर सरिस्का टाइगर रिजर्व कर दिया गया है।
सरिस्का प्लेस Alvar
महाराजा सवाई जयसिंह द्वारा इसका निर्माण सन 1892 में करवाया गया। २०एकड में फैला यह प्लेस सैलानियों को अपनी और आकर्षित करता है। सरिस्का प्लेस इतना सूंदर बना हुआ है की लोग इसकी सुंदरता में खो जाते है।
सिटी प्लेस Alvar
अलवर की प्रसिद्ध जगहों में से एक सिटी प्लेस को विनय विलाश के नाम से भी जाना जाता है। यह मुग़ल और राजस्थानी वास्तुकला का अनोखा अजूबा है। सिटी प्लेस की दीवारों पर बने भीति चित्र लोगो को अपनी और आकर्षित करते है।
नीलकंठ महादेव मंदिर Alvar
नीलकंठ महादेव मंदिर कई मंदिरो का एक समूह है जो सरिस्का रिजर्व से ३० किलोमीटर दूर स्थित है जो आज एक खण्हर बन चूका है। खंडहर बन जाने के बाद भी यहाँ के लोग कुछ मंदिरो में आज भी विश्वास करते है।