Salasar Balaji Temple ka Ansuna Rahasy

 

Salasar Balaji Temple ka Ansuna Rahasy

Salasar Balaji  राजस्थान के चूरू जिले में स्थित एक हिन्दू मंदिर है। यहाँ हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा और अश्विन पूर्णिमा पर बड़े मेलो का आयोजन होता है। भारत का एकमात्र यही मंदिर है जहा बालाजी की दाढ़ी और मुछ है। सालासर राजस्थान राज्य के चूरू जिले का एक हिस्सा है जो जयपुर बीकानेर राजमार्ग पर स्थित है। सालासर बालाजी का प्रबंधन मोहनदासजी सालासर ट्रस्ट के द्वारा किया जाता है।

सालासर बालाजी मंदिर का इतिहास

सालासर बालाजी मंदिर का इतिहास लगभग 268 वर्ष पुराना है । कहते है की बालाजी ने सर्वप्रथम संत मोहनदास जी को सपने मे दर्शन दिए थे । मोहनदास जी बालाजी के परम भक्त थे । संत मोहनदास जी ने ही बालाजी को दाढ़ी मुछ मे प्रकट होने को कहा था ।

सालासर बालाजी सर्वप्रथम नागौर जिले के आसोटा गाव मे सन 1754 को प्रकट हुवे थे । सालासर बालाजी के प्रकट होने के पीछे भी एक अद्भुत कथा है , जिसमे एक भक्त और भगवान का प्रेम बताया गया है । आइए जानते सालासर बालाजी के प्रकट होने की अद्भुत कथा ।

सालासर बालाजी के प्रकट होने की कथा

एक समय की बात है नागौर के आसोटा गांव में एक जाट अपने खेतो को हल से जोत  रहा था । तभी उसको अपने  हल की नोक जमीन में किसी पत्थर से टकराने का आभास हुआ । जाट अपने हल को निकालने के लिए हाथो से मिटटी को हटाने का प्रयास करता तब उसे वह पत्थर मिलता है जिससे हल की नोक टकराई थी।

इतने मे जाट की पत्नि खाना लेकर वहा आ जाती है । जाट उस पत्थर को कपड़े से साफ करता है तब उसे उस पत्थर मे बालाजी की दाढ़ी मुछ वाली छवि देखने को मिलती है । बालाजी के दर्शन के दोनों दंपति बालाजी को प्रणाम करते है और प्रसाद के रूप मे बाजरे के चूरमे का भोग लगाते है ।

सालासर धाम की स्थापना

आसोटा मे जिस दिन बालाजी की मूर्ति प्रकट हुई उसी दिन बालाजी ने मोहनदास जी के सपने मे आकर दर्शन दिए और कहा की आप इस मूर्ति को बैलगाड़ी से सालासर पहुचा दो तथा जहा पर यह बैलगाड़ी स्वतः ही रुक जाएगी वहा पर इस मूर्ति की स्थापना कर देना ।

सवेरा होते ही मोहनदास जी किसान के पास गए और ठीक वैसा ही किया जैसे बालाजी ने करने को कहा था । मोहनदास जी बैलगाड़ी लेकर निकल पड़े और अंततः बैलगाड़ी वही रुकी जहा पर वततमान समय मे सालासर बालाजी का मंदिर बना हुआ है ।

मोहनदास जी महाराज ने बालाजी की मूर्ति सालासर मे स्थापित कर पूजा अर्चना करने लगे ।  पुरे भारत में एकमात्र यही मंदिर है जहा हनुमान जी की दाढ़ी मूछे है। इसके पीछे भी एक मान्यता है की मोहनदास को इसी रूप में दर्शन दिए थे तो मोहनदास ने इसी रूप में मूर्ति स्थापित करने का वर बालाजी से प्राप्त किया था।

 मंदिर की वास्तुकला

सर्वप्रथम सालासर धाम का निर्माण बालाजी के परम भक्त संत मोहनदास जी महाराज ने करवाया था । मोहनदास जी के बाद सीकर जिले के जागीदार राव देवीसिंह तथा उनकी पीड़ी के वंशजों के द्वारा बालाजी के मंदिर को वर्तमान रूप दिया । सालासर बालाजी मंदिर का निर्माण श्वेत संगमरमर के पत्थरों से किया गया है जो मंदिर की सुंदरता को चार चाँद लगा रहे है । मंदिर का मुख्य आकर्षण मंदिर मे कीये गए स्वर्ण तथा रजत की कारीगरी है ।

सालासर बालाजी की मुछ दाढ़ी वाली प्रतिमा मानो साक्षात बजरंगबली सामने विराजमान हो ।

सालासर बालाजी वीआईपी दर्शन

दाढ़ी मुछ वाले सालासर बालाजी के दर्शन के लिए भक्तों का जमावड़ा प्रतिदिन राहत ही है लेकिन मंगवार तथा बालाजी के जन्मदिवश पर आपको लंबी लंबी लाइनों मे इंतजार करना पड़ता है । सालासर बालाजी मंदिर मे आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए बालाजी मंदिर की समिति के द्वारा कुछ निश्चित धनराशि जमा कर आप सालासर बालाजी के वीआईपी दर्शन का लाभ उठा सकते है ।

सालासर मे ज्यादातर मंदिर मे आने वाले राजनेता या अभिनेता या कोई विशिष्ट अतिथि को ही वीआईपी दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तथा बाकी के लिए लाइनों की व्यवस्था है ।

Salasar Balaji  के कुछ अनसुना सच

हनुमान जी के सालासर बालाजी के मंदिर निर्माण का एक अनसुना सच है की सालासर बालाजी के मंदिर निर्माण  कारीगरों मे मुस्लिम कारीगरों का भी योगदान रहा है । कहा जाता है की बालाजी के मंदिर निर्माण मे दो मुसलमान शामिल थे जिनका नाम नूर मोहम्मद तथा दाऊ था ।

salasar dham में बालाजी का धूणा बहुत ही चमत्कारी माना  जाता है। यहा के लोगों का कहना है की मोहनदास जी ने ३०० साल पहले जिस धुनि को जलाया वो आज भी जल रही रही है ।

Salasar Balaji  को पान का बीड़ा क्यों चढ़ाया जाता है

salasar के लोगो का मानना है की पान का बीड़ा चढाने से बालाजी उनकी मनोकामना पूर्ण करते है। बीड़ा उठाना का शाब्दिक अर्थ होता है की किसी भी कार्य को पूर्ण करने का उत्तरदायित्व अपने ऊपर लेना।

बालाजी पर पान का बीड़ा चढाने का अर्थ होता है की आप अपनी इच्छाओ को बालाजी को समर्पित कर रहे है। अब बालाजी की यह जिम्मेवारी है की वही आपकी मनोकामना को पूर्ण करे। इसलिए salasar dham बालाजी को पान का बीड़ा चढ़ाया जाता है।

Salasar Balaji को भोग में क्या चढ़ाया जाता है

salasar dham हनुमान जी को बाजरे की रोटी से बना चूरमा ,लड्डू ,पान का बीड़ा ,सुपारी,लौंग ,इलायची का भोग लगाया जाता है। शनिवार के दिन बालाजी को लौंग ,सुपारी और इलायची का भोग लगाने से शनि का क्रोध दूर हो जाता है। तथा सरसो के तेल में लौंग डालकर दीपक जलाकर बालाजी की पूजा आराधना करने से संकट दूर होते है तथा धन लाभ होता है। मंगलवार को चने का भोग लगाने से मंगल का दोष दूर होता है।

नारियल का चढ़ावा

सालासर धाम मे लोगों की बालाजी मे यह आस्था है की बालाजी को नारियल चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाए पूरी होती है । नारियल का भोग बालाजी स्वीकार कर ले तो उस भक्त की मनौती सालासर बालाजी अवश्य पूरी करते है । सालासर बालाजी मे प्रतिवर्ष 25 लाख से भी अधिक नारियल चढ़ाए जाते है ।

सालसर आने वाले बालाजी के भक्त अपनी मनौती को बालाजी तक पहुचाने के लिए एक नारियल को लाल कपड़े मे मोली से बांधकर चढ़ा देते है ।

सालासर बालाजी कैसे जाए

सालासर बालाजी आने के लिए तीनों मार्ग की सुविधाये है । सालासर आने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन सुजानगढ़ है यह से आपको सालासर के लिए बस मिल जाएगी । सालासर से जयपुर एयरपोर्ट नजदीक रहेगा , जहा से आपको सालासर के लिए बस मिल जाएगी । अगर आप बस से नहीं आना चाहते तो आपको वहा कार मिल जाएगी जिससे आप अपनी आगे की यात्रा पूरी कर सकते है ।

श्री बालाजी सालासर धाम समय सरिणी

मंदिर के कपाट खुलने का समय  4:30 am

मंगल आरती का समय  5:00 am

धूप और मोहनदास जी की आरती   10:30 am

राजभोग  6:00 p.m

बालाजी की आरती  07:30p.m.

बाल भोग  8:15 p.m

शयन आरती  10.00p.m.

राजभोग आरती  11:00 A.M.  सिर्फ मंगलवार को

सालासर बालाजी क्यों प्रसिद्ध है?

सालासर बालाजी दाढ़ी मुछ वाले बालाजी के लिए प्रसिद्ध है ।

सालासर बालाजी कब जाना चाहिए?

बालाजी के दर्शन के लिए कभी भी जाया जा सकता है परंतु चैत्र पूर्णिमा का दिन विशेष होता है ।

सालासर बालाजी के पीछे की कहानी क्या है?

सालासर बालाजी अपने भक्त मोहनदास जी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए नागौर के आसोटा गाव मे प्रकट हुवे थे ।

सालासर बालाजी में किस भगवान की पूजा की जाती है?

सालासर बालाजी मे पवनपुत्र तथा श्री राम भक्त हनुमान जी के दाढ़ी मुछ वाली प्रतिमा की पूजा की जाती है ।

सालासर बालाजी की अर्जी कैसे लगाते हैं?

बालाजी के दरबार मे अपनी मनोकामनाओ की अर्जी लगाने के लिए एक नारियल को लाल कपड़े मे मोली से बाधकर बालाजी को चढ़ाया जाता है ।

 

salasar dham सालासर बालाजी के भजन

झालर संख नगाड़ा बाजे रे,
सालासर रा मंदिर में हनुमान विराजे हो ।
हनुमान विराजे हो सदा बजरंग विराजे र।।
झालर संख नगाड़ा बाजे रे,
सालासर रा मंदिर में हनुमान विराजे हो ।।

भारत राजस्थान में जी सालासर एक धाम ,
सूरज शामी बनो देवरों बालाजी रो धाम।।
दूर देश सु आवे जातरी।,महिमा अपरम्पार
झालर संख नगाड़ा बाजे रे,
सालासर रा मंदिर में हनुमान विराजे हो ।
हनुमान विराजे हो सदा बजरंग विराजे र।।
झालर संख नगाड़ा बाजे रे,
सालासर रा मंदिर में हनुमान विराजे हो ।।

आसमान में थारी लाल ध्वजा फहरावे
नारेला की गिनती कोनी सुमरन छत्र अपार ,
थारे जात जडूला चढ़े ,चढ़े चूरमा
सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे॥
झालर संख नगाड़ा बाजे रे,
सालासर रा मंदिर में हनुमान विराजे हो ।
हनुमान विराजे हो सदा बजरंग विराजे र।।
झालर संख नगाड़ा बाजे रे,
सालासर रा मंदिर में हनुमान विराजे हो ।।

हो राम दूत अंजनी के लाल का धरो हमेशा ध्यान,
सेवक तेरे चरणों का चाकर रखजो लाज हनुमान।
सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे॥
झालर संख नगाड़ा बाजे रे,
सालासर रा मंदिर में हनुमान विराजे हो ।
हनुमान विराजे हो सदा बजरंग विराजे र।।
झालर संख नगाड़ा बाजे रे,
सालासर रा मंदिर में हनुमान विराजे हो ।।

सालासर वाले ने कर दिया कमाल ,
जो भी आया दर पे कर दिया मालामाल ।
मेंहदीपुर वाले ने कमाल कर दिया,
जो भी आया दर पे मालामाल कर दिया॥
सालासर वाले ने कर दिया कमाल ,
जो भी आया दर पे कर दिया मालामाल ।
सालासर वाले ने कर दिया कमाल।।

दानियो में दानी मेरा सालासर वाला,
बड़ा दिलदाार सारे जग का रखवाला।
सुन करके अर्जी सबका काम कर दिया,
जो भी आया दर पे कर दिया मालामाल ॥
सालासर वाले ने कर दिया कमाल ,
जो भी आया दर पे कर दिया मालामाल ।
सालासर वाले ने कर दिया कमाल।।

दीनो को सहारा देके सुख बरसाता,
जिसका न कोई उसे गले से लगाता।
भगतों का पूरा हर काम कर दिया,
जो भी आया दर पे कर दिया मालामाल ॥
सालासर वाले ने कर दिया कमाल ,
जो भी आया दर पे कर दिया मालामाल ।
सालासर वाले ने कर दिया कमाल।।

मान सम्मान दे, भरे भंडारे,
सालासर बाबा सबकी बिगड़ी सँवारे।
दुष्टो का तो हाल ही बेहाल कर दिया,
जो भी आया दर पे कर दिया मालामाल ॥
सालासर वाले ने कर दिया कमाल ,
जो भी आया दर पे कर दिया मालामाल ।
सालासर वाले ने कर दिया कमाल।।
जो भी आया दर पे कर दिया मालामाल ॥
सालासर वाले ने कर दिया कमाल ,
जो भी आया दर पे कर दिया मालामाल ।
सालासर वाले ने कर दिया कमाल।।

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