Bikaner – Jangal Desh ki Kahani
बीकानेर जिला राजस्थान के पश्चिमी भाग में 27.1\’ से 28,03´ डिग्री उतरी अक्षास एवं 71.44\’ से 73,22´ डिग्री पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। बीकानेर भारत के राजस्थान राज्य की शान और रेगिस्तान में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मे से एक है। बीकानेर राजधानी दिल्ली से 513 km दुरी पर स्थित है ।
नमस्कार दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में बीकानेर के बारे मे जानेंगे । बीकानेर जिसे लोग प्यार से बिकाणों तथा मिठाई की नगरी के नाम से जानते है ।
बीकानेर कभी बीकानेर सल्तनत की राजधानी होने के साथ – साथ राजस्थान का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। साथ ही बाबा रामदेवजी का प्रसिद्ध मंदिर सूजनदेसर बाबा रामदेवजी मंदिर जिसे कोस वाले बाबा रामदेवजी के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है वह बीकानेर मे स्थित है ।
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बीकानेर का लघु परिचय – Bikaner
बिकाणों के नाम से जाना जाने वाला बीकानेर आज अपने पर्यटन के लिए पूरे भारत मे जाना जाता है । इसके पर्यटन के मुख्य आकर्षण ने मा करनी का विश्व विख्यात मंदिर तथा बाबा रामदेवजी का सूजनदेसर मंदिर प्रमुख है ,जो अपने चमत्कार के लिए जाने जाते है । सन 1488 मे मा करनी के आशीर्वाद से राव बिका द्वारा बीकानेर की स्थापना की गई थी ।
बीकानेर के लिए एक प्रसिद्ध कहावत कही गई है –
‘सियाळो खाटू भलो, ऊनाळो अजमेर।
नागौर नित रो भलो… सावण बीकानेर। ।

इस कहावत के द्वारा बीकानेर के पर्यटन का समय बताया गया है । सियाळो खाटू भलो मतलब सर्दियों मे घूमने के लिए खाटू श्याम जाना अच्छा राहता है और ऊनाळो अजमेर का मतलब गर्मियों के लिए अजमेर । नागौर नित रो भलो… सावण बीकानेर का मतलब नागौर मे किसी भी समय घूमने जा सकते है पर बीकानेर के लिए तो सावन मास ही बिल्कुल सही समय राहता है ।
बीकानेर का इतिहास – Bikaner history
राजस्थान के प्रसिद्ध शहरो मे से एक बीकानेर जो अपने इतिहास की गहराई और विविधता को दर्शाता है। यहां के प्राचीन इतिहास वैज्ञानिक और स्थानीय व्यक्तियों द्वारा बने भवनों और मंदिरों को दर्शाता है। बीकानेर मे प्रथम विस्व युद्ध के समय पहला हवाई जहाज बीकानेर के जूनागड़ किले मे रखा गया था । बीकानेर का सटीक इतिहास आपको कही भी देखने को नहीं मिलेगा आपको बीकानेर का सटीक इतिहास जानना हो तो आप यहाँ के विद्वानों से जान सकते है ।
बीकानेर की स्थापना ओर नामकरण – Bikaner ki sthapna
बीकानेर को प्राचीन समय मे जांगल देश के नाम से पुकार जाता था । बाद मे राव बिका ने 1488 मे मा करनी के आशीर्वाद से बीकानेर की स्थापना की । बीकानेर पाकिस्तान सीमा के पास थार रेगीस्तान पर बसा एक ऐसा शहर है जिसका इतिहास काफी रोचक रहा है । बीकानेर अपने भुजिया ओर मिठाइयों के लिए पूरे भारत मे प्रसिद्ध है । बीकानेर के किलो का निर्माण की कारीगरी अपने आप मे एक संस्कृति को दर्शाती है ।
बीकानेर मे घूमने के लायक स्थान -Bikaner tourist places
बीकानेर अपने गौरवशाली इतिहास और संस्कृति , राजसी इमारतों तथा सुनहरे टीलों के लिए भी प्रसिद्ध है । बीकानेर अपने किलों, महलों और हवेलियों के लिए जाना जाता है। बीकानेर शहर आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य केंद्र के रूप में कार्य करता है । बीकानेर मे कई सारे विशाल किले , प्राचीन मंदिर और हड़प्पा सभ्यता के अवशेष भी मोजूद है , इन्हे देखने के लिए विदेसी यात्री लंबी दूरिया तय करते हे । यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल आगे दिखये गए है –
जूनागढ़ का किला- Bikaner fort
जूनागढ़ किले का निर्माण महाराज रायसिंह के द्वार इसस प्रकार करवाया गया था की कोई भी शत्रु इस किले की जीत न सके । इसके लिए रायसिंह ने किले के चारों ओर गहरी खाहीयों का निर्माण करवाया । इस किले के कुल 37 बुर्ज है ।
गजनेर पेलेस- Gajner place Bikaner
गजनेर पेलेस का निर्माण बीकानेर के पूर्व शासक महाराज गंगासिंह ने करवाया था । गजनेर पेलेस का निर्माण रेगिस्तान के बीच झील के किनारे कराया गया । इस प्लेस के निर्माण का मुख्य उद्देश्य शिकार के लिए विश्राम गृह के लिए उपयोग मे लेना था । आज के समय यह कई प्रजातियों के पक्षी आते है ।
लालगढ़ पैलेस
लालगढ़ पैलेस का निर्माण महाराजा गंगासिंह बीकानेर से 3km दूर अपने पिता महाराजा लालसिंह की स्मृति मे करवाया था । महाराजा गंगासिंह इस पैलेस का नाम अपने पिता के नाम पर ही रखा । यहा एक पुस्तकालय का निर्माण भी करवाया गया है जिसमे विभिन्न भाषाओ की पुस्तके संग्रहीत की गई है ।
कैमल रीसर्च सेंटर
यह बीकानेर से लगभग 9 km की दूरी पर जोड़बिड़ क्षेत्र मे स्थित हे, जिसे \’राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र\’ का नाम दिया गया है। यहा पर कई प्रकार की प्रजातियों के उठो को देखा जा सकता है । यहा पर राजस्थान के 3 नस्लों के उठो की प्रजातियों के लगभग 230 उठ है ।
रामपुरिया हवेली
– रामपुरिया हवेली बीकानेर की पर्यटन स्थलों मे से एक हस्तकला से बनी एक सुनदर हवेली है । बीकानेर की पतली गलियों के बीच बनी हुई रामपुरिया हवेली का निर्माण लगभग 100 वर्ष पूर्व बालुवा पत्थरों से किया गया था । सायं काल मे जब सूर्य की किरने इस हवेली पर पड़ती है तो रामपुरिया हवेली का रंग बदल जाता है ।
बीकानेर डिज़र्ट कैम्प
धोरों के बीच बने इस कैम्प का दृश्य बहुत ही मनमोहक है । इस कैम्प को देखकर सम के धोरों की याद या जाती है । रात्री के समय बीकानेर के ये धोरे \”केसरिया बालम आओ म्हारे देश \” के गूंज उठते है । आप यह पर सायं के समय सूर्यास्त का आनंद एव ऊठ की सवारी के साथ लोकनृत्य का भी आनंद ले सकते है ।
गंगा सिंह म्यूजियम
यह महाराज गंगासिंह द्वारा निर्मित संग्रहालय है , जिसमे आपको प्राचीन इतिहास देखने को मिलता है । इस संग्रहालय का निर्माण 1937 मे महाराजा गंगासिंह द्वारा करवाया गया था । यह संग्रहालय लालगढ़ पैलेस के पास बना हुआ है । इस संग्रहालय का पहले हथियारों के संग्रहालय के रूप मे उपयोग किया जाता था ।
भंडाशाह मंदिर
यह मंदिर अपनी दीवार पेंटिंग एव कला के लिए प्रसिद्ध है । इस मंदिर के बारे मे यह कहा जाता है की इसका निर्माण मे घी का प्रयोग किया गया था । कहा जाता है की इस मंदिर की नीव मे पानी के स्थान पर घी का उपयोग किया गया ,वो भी 40 हजार लीटर ।
करनी माता मंदिर देशनोक
धोरों की देवी के रूप मे विख्यात करनी माता का मंदिर बीकानेर के देशनोक मे बना हुआ है । इस मंदिर मे हजारों की संख्या मे चूहों का वास है । मंदिर मे अगर किसी भक्त को सफेद चूहे जिसे काबा कहा जाता है के दर्शन हो जाए तो उसकी समस्त मनोकामनाए पूर्ण होती है ।
बीकानेर का वातावरण – Bikaner environment
बिकानेर मे रेत के बड़े बड़े टीले मोजूद हे यहाँ पर गर्मियों में अधिक गर्मी तथा सर्दियों में बहुत अधिक सर्दी रहती है, Bikaner का वातावरण हमारे मन को सांत करने के लिए प्राप्त हे |
बीकानेर के रोचक तथ्य- Bikaner facts
बीकानेर के जूनागढ़ मे भारत के प्रथम विशव युद्ध का एरोप्लान रखा गया हे |
बीकानेर सुजानदेशर मे बाबा रामदेव जी प्रसिद मंदिर बनाया गया हे |
बीकानेर को बनने मे कुल 148 साल का वक्त लगा |
राजस्थान मे सबसे पहले बिजली का निर्माण बीकानेर शहर मे हुआ था |
बीकानेर के लोकगीत – Bikaner song
बीकानेर अपने लोकगीतों के लिए पुरे भारत में विख्यात है । यहाँ के लोकगीत और भजन पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते है । यहाँ के प्रमुख गीतों में केसरिया बालम ,चम्पा मेथी ओर चुनरी मंगाई दु आदि बीकानेर के गीत राजस्थान की शान है । इन लोकगीतों का आनंद बीकानेर की गलियों में ले सकते है क्योकि बीकानेर की गली चोराहों पर आपको गाने वाले कलाकार मिल जाएंगे |
बीकानेर की प्रसिद हॉटले – Bikaner Hotels
बीकानेर में आपको बहुत सारी होटल देखने को मिल जाएगी परन्तु होटल द लक्ष्मी निवास बीकानेर की प्रसिद होटल मे से एक हे |
लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न –
1 . बीकानेर की स्थापना कब ओर किसने की ?
बीकानेर की स्थापना 1488 मे राव बिका ने मा करनी के आसिरवास से की थी |
2. बीकानेर मे क्या प्रसिद है ?
बीकानेर का भुजिया ओर मिठाईया पूरे भारत मे प्रसिद हे |
3. बीकानेर का अंतिम राजा कोन था ?
बीकानेर के अंतिम राजा महाराजा सादुल सिंह थे |
4.बीकानेर घूमने का सही समये कोनस है ?
बीकानेर घूमने का सही समए जनवरी माह होता हे |
5. बीकानेर का पुराना नाम क्या था ?
बीकानेर को पुराने समय मे जंगल देश के नाम से जाना जाता था
6. बीकानेर का पिनकोड़ क्या है ?
बीकानेर सहर का पिनकोड़ 334001 हे |
7. बीकानेर से जोधपुर की दूरी कितनी है ?
बीकानेर से जोधपुर की दूरी 256.7 km हे |
8. बीकानेर से दिल्ली की दूरी कितनी है ?
बीकानेर से दिल्ली की दूरी 513 km हे |
9. वर्तमान में बीकानेर का क्षेत्रफल कितना है?
बीकानेर का क्षेत्रफल 30247.80 वर्ग किलोमीटर है |
10 बीकानेर को बनने मे कुल कितना समय लगा ?
बीकानेर को बनने मे कुल 148 साल का समय लगा |
निष्कर्ष
बीकानेर जिला राजस्थान के पश्चिमी भाग में 27.1\’ से 28,03´ डिग्री उतरी अक्षास एवं 71.44\’ से 73,22´ डिग्री पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 30247.80 वर्ग किलोमीटर है। इस जिले में वनों के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र का क्षेत्रफल 834.63 वर्ग किलोमीटर है।बीकानेर किलों, महलों और हवेलियों के लिए जाना जाता है। बीकानेर शहर बीकानेर आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह अपने हवेलियों ,छतरियों ,जैन मंदिरो और धोरो के लिए प्रसिद्ध है।यहाँ के प्रमुख मेलो में डेजर्ट फेस्टिवल प्रमुख है ।
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