Barmer History, Places to Visit Barmer
Badmer अपनी कला और संस्कृति के लिए पूरे भारत मे प्रसिद्ध है । बाड़मेर भारत के राजस्थान राज्य की शान और रेगिस्तान में स्थित एक प्रसिद्ध मारवाड़ी प्रदेश मे से एक है । बाड़मेर राजधानी दिल्ली से 860km दुरी पे स्थित है ।
नमस्कार दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में बाड़मेर के ऐसे इतिहास ,बोली ,भाषाओ तथा लोकगीतों के बारे में जानेगे जो की मारवाड़ प्रदेश की शान है । Barmer कभी बाड़मेर सल्तनत की राजधानी थी और आज भी राजस्थान का एक महत्वपूर्ण भाग है ,जो हिंदू मान्यता को समर्पित है।
Badmer history – बाड़मेर का इतिहास
बाड़मेर राजस्थान का वो जिला है जिसका कुल क्षेत्रफल 28,340 km है । बाड़मेर प्राकृतिक गैस का सर्वाधिक उत्पादन करता है । बाड़मेर अपने प्राचीन मंदिरों , किलो तथा कला के लिए प्रसिद्ध है । सर्वाधिक पशु मेलों का आयोजन बाड़मेर मे किया जाता है । Barmer पहले मारवाड़ क्षेत्र के अंतर्गत आता था ।
13 वी शताब्दी मे राजा बहाडराव परमार ने बाड़मेर की स्थापना की थी। बहाडराव परमार जूना बाड़मेर के शासक थे । परमारो के बाद बाड़मेर पर चौहनों ने अपना शासन कायम किया , जिसके बाद रावत लूक ने अपने भी की सहायता से चौहान शासक राव मंधा से बाड़मेर जीत । बाड़मेर को काला सोना के नाम से भी जाना जाता है । 7 अप्रैल 1948 को भारत सरकार द्वारा बाड़मेर को राजस्थान के एक जिले के रूप मे संमलित किया ।
जैसलमेर के बाद बाड़मेर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा जिला है जिसकी सीमा पाकिस्तान से लगती है । बाड़मेर राजस्थान का एक मात्र एक जिला है जहा पर पाकिस्तान की ट्रेन चलती है । बाड़मेर जिले की सबसे लंबी नदी लूणी नदी है जिसकी कुल लंबाई 480 km है । बाड़मेर देश के सबसे बड़े कोयला व तेल उत्पादक करने वालों मे से एक है । राजस्थान के प्रसिद्ध लोकदेवता बाबा रामदेव जी की जन्म भूमि है ।
बाड़मेर का स्थापना तथा नामकरण – Badmer ki sthapna
बाड़मेर की स्थापना 13वी शताब्दी मे राव बहाड़राव परमार ने की थी । तथा बहाडराव के नाम पर ही बाड़मेर का नामकरण किया गया था । बाड़मेर लगभग 29000km तक फैला हुआ है । बाड़मेर मे पूरे भारत का 23/ प्रतिशत खनिज यही सिर्फ Barmer से ही निकाला जाता है ।
बाड़मेर का वातावरण – Barmer environment
Barmer मे मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम से हवा चलती है – सभी हवा दिशाओं का लगभग 25.8%। बाड़मेर में हवा की औसत गति 3.9 मीटर/सेकेंड है और अधिकतम हवा की गति लगभग 12 मीटर/सेकेंड है। औसत परिवेश का तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस रहता है, 7.8 डिग्री सेल्सियस से 45.7 डिग्री सेल्सियस तक भिन्न होता है। औसत प्रासंगिक आर्द्रता लगभग 43.3% रहती है, जो 5.9% से 91.7% तक भिन्न होती है। स्टेशन का दबाव 989 hPa से 972 hPa तक भिन्न होता है |
10 BEST Places to Visit in Barmer – राजस्थान पर्यटन
बाड़मेर अपने गौरवशाली इतिहास और संस्कृति के लिए, राजसी इमारतों तथा सुनहरे टीलों के लिए भी प्रसिद्ध है । यह अपने किलों, महलों और हवेलियों के लिए जाना जाता है। बाड़मेर मे कई सारे प्राचीन मंदिर , विशाल किलो के अवशेष मोजूद है । इन्हे देखने के लिए विदेशी यात्री दूर दूर से आते है । यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल –
नाकोड़ा मंदिर, बाड़मेर – Nakoda Temple , Badmer
बाड़मेर मे श्री नाकोड़ा जैन मंदिर तीसरी शताब्दी में निर्मित एक प्राचीन मंदिर है ,जिसका कई बार पुन निर्माण कराया जा चुका है । नाकोड़ा जैन मंदिर में पार्श्वनाथ की लगभग 58 सेमी ऊँची मूर्ति कमल की स्थिति में विराजमान है। नाकोड़ा जैन मंदिर का प्राचीन नाम वीरमपुर नगरी था, क्योंकि कहा जाता है की तीसरी शताब्दी मे वीरसेन और नकोर्सन ने इस पावन मंदिर का निर्माण करवाया था |
किराडु मंदिर – Kiradu Temple , Badmer
Barmer में किराड़ू का मंदिर अलवर का नीलकंठ महादेव मंदिर ये दोनों मंदिर खजुराहो शैली से समानता रखते हैं । विशेष रूप से किराडू का मंदिर और उदयपुर के अंबिका मंदिर की स्थापत्य शैली मध्यप्रदेश के खजुराहो मंदिरों की शैली से ज्यादा समान रूप से नजर आती है।
माता रानी भटियानी मंदिर – MATA RANI MANDIR , BADMER ( JASOL )
Barmer से थोड़ी दूरी पर स्थित जसोल धाम मे एक चमत्कारी देवी का मंदिर बना हुआ है जिसे लोग माता रानी भटियानी मंदिर (जसोल) के नाम से जानते है । माता रानी के इसस मंदिर के दर्शन के लिए दूर दूर से श्रद्धालु अपनी मन्नत को पूरी करने के लिए यहा पर दर्शन के लिए आते है । नवरात्रि के दिनों मे यहा भक्तों का सैलाब उमड़ जाता है ।
विरात्र वाकल माता मंदिर
विरात्रा धाम की चमत्कारी देवी वांकल माता का यह विख्यात तीर्थ स्थल है । यह पश्चिम राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले की चौहटन तहसील के ढ़ोक गाँव की सीमा में रेगिस्तान के प्राकृतिक दृश्यों के बिच काले भूरे पहाड़ो एवं बालू रेत के विशाल टीबों के बीच मे स्थित हैं ।
चिंतामणी जैन पारसनाथ मंदिर
चिंतामणि पारसनाथ जैन मंदिर है इसे \’श्री गोडिसा पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर\’ भी कहा जाता है। यह मंदिर पारसनाथ को समर्पित है जो एक जैन तीर्थंकर है। बाड़मेर शहर के पश्चिम में स्थित यह पहाड़ी चट्टान पर स्थित है जिसे 12 वीं सदी में बनाया गया था । पारश्वनाथ जैन मंदिर अपनी शानदार मूर्तियों और आभूषित चित्रों के लिए प्रसिद्ध है, जो इसे आकर्षित बनता है |
विष्णु मंदिर (खेड मंदिर ) – Vishnu Temple
विष्णु मंदिर यहा हर माह की पूर्णिमा के दिन यहां मेले लगता है। यहा पर क्षेत्र से हीं नहीं बल्कि कई राज्यों से भी लोग दर्शन करने पहुंचते हैं। यहां पर श्रद्धालुओं को रणछोड़राय के दर्शन के साथ ही बालाजी, विष्णु भगवान, लक्ष्मी माता, ब्रह्माजी, वराह अवतार के दर्शन का लाभ मिलता है।
सिवाना फोर्ट- Sivana fort
Barmer मे सिवाना किला ऐसा ही एक प्राचीन दुर्ग है, जो राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। यह किला सिवाना तहसील एवं पंचायत समिति मुख्यालय पर ही एक ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है। सिवाना दुर्ग राजस्थान के सबसे पुराने किलों में से एक है। जो यहा की संस्कराती को दर्शाता है ।
सफेद अखारा- Safed akhara
यह मंदिर पुरानी आस्था से जुड़ा हे ओर यहा पर कोई भी मन्नत मांगों जल्द ही पूरी होती हे ओर साथ ही यह आस्था का एक केंद्र भी माना जाता है ।
बाड़मेर के रोचक तथ्य – Badmer Facts
Barmer को राजस्थान का काला पानी भी कहा जाता है ।
बाड़मेर राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा जिला है ।
बाड़मेर की कला एव संस्कराती पूरे भारत मे प्रसिद है ।
बाड़मेर भारत के टॉप 5 रिफाइनरी मे से एक है ।
बाड़मेर मे विस्व की सबसे बड़ी हितेड़ पाइप लाइन 750km लंबी है ।
बाड़मेर के चोहटन का गूँद पूरे विस्व मे प्रसिद है ।
बाड़मेर मे सार्वदिक पसूपालन यही होता है ।
बाड़मेर के लोकगीत – Badmer Lokgeet
आप राजस्थान के किसी भी जिले मे जाएंगे तो आपको वहा का प्रसिद्ध गीत सुनने को मिल जाएगा परंतु बाड़मेर के गीतों की बात ही कुछ अलग है । बाड़मेर के लोकगीत इतने सुन्दर होते है की आप भी इन गीतों की तानों पर थिरक उठेंगे । इन गीतों मे कांगसियों ,मादलियों ,आन्तरियों , बाड़मेर री याद गने रिआवे, तथा विलातानबाई प्रमुख है ।
बाड़मेर की प्रसिद हॉटले – Badmer Famous Hotels
बाड़मेर पर्यटन स्थल होने के कारण यहा कई हॉटले है जिनमे कुछ हॉटले प्रसिद्ध है । इन होटलों मे होटल कृष्ना,प्रिंस गेस्ट हाउस,होटल यदुराज,हेरिटिज.होटल शांति पेलस,होटल माधव परदीस आदि है ।
लोगों द्वारा पूछे गए प्रसन –
बाड़मेर से जोधपुर की दूरी ?
बाड़मेर से जोधपुर की कुल दूरी 198 km हे |
बाड़मेर से जैसलमेर की दूरी ?
बाड़मेर से जैसलमेर की कुल दूरी 160km हे |
बाड़मेर से दिल्ली की दूरी ?
बाड़मेरसे दिल्ली की कुल दूरी 860km हे |
बाड़मेर का पिनकोड़ क्या हे ?
बाड़मेर का पिनकोड़ 344001 हे |
बाड़मेर का क्षेत्रफल कितना हे ?
बाड़मेर का कुल क्षेत्रफल 28,340 km हे |
बाड़मेर की स्थापना किसने व कब की ?
बाड़मेर की स्थपना बहाडराव ने 13 वी शताब्दी मे की थी |
निष्कर्ष
Barmer मे मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम से हवा चलती है – सभी हवा दिशाओं का लगभग 25.8%। बाड़मेर में हवा की औसत गति 3.9 मीटर/सेकेंड है और अधिकतम हवा की गति लगभग 12 मीटर/सेकेंड है।जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 28,000 वर्ग किलोमीटर है। बीकानेर किलों, महलों और हवेलियों के लिए जाना जाता है। बाड़मेर मेआने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य केंद्र के रूप में कार्य करता है। Barmer अपने हवेलियों ,छतरियों ,जैन मंदिरो और धोरो के लिए प्रसिद्ध है।यहाँ के प्रमुख मेलो में डेजर्ट फेस्टिवल प्रमुख है ।