Bageshwar dham,धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जीवन परिचय
Bageshwar dham आज हम इस आर्टिकल में आपको एक ऐसे ही परम साधक के बारे में चर्चा करेंगे जिनको यह पूरा संसार श्री बागेश्वर धाम के मठाधीश संत श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के नाम से जानते है।
जा पर कृपा राम की होई , ता पर कृपा करें सब कोई।
जिनके कपट दम्भ न माया , तिनके ह्रदय बसहु रघुराया।।
बागेश्वर धाम का लघु परिचय – bageshwar dham biography
बागेश्वर धाम आज भारत ओर विश्व भर मे प्रसिद्ध है भगवान श्री राम और उनके परम भक्त शिरोमणि श्री बालाजी हनुमान जी की कृपा का ही चमत्कार है की आज देश दुनिया के हजारो लोग बागेश्वर धाम दौड़े चले आ रहे है। भारत के मध्यप्रदेश राज्य के छतरपुर जिले बुंदेलखंड में एक गडा ग्राम है जहा पर स्वम्भू श्री बालाजी हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर बना हुआ है जिसे बागेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है।
बागेश्वर धाम संत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के कारण आज चर्चा का विषय बन चूका है। यहाँ पर शास्त्री जी के द्वारा एक दरबार का आयोजन किया जाता है जिनमे शास्त्री जी लोगो के कष्टों का निवारण करते है। दरबार में हाजारो लोग अपने कष्टों और समस्याओ के निवारण हेतु यहाँ अपनी हाजरी लगाने आते है।
आइए जानते हैं क्यों प्रसिद्ध है बागेश्वर धाम के मठाधीश संत श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी तथा उनकी संपूर्ण जीवन के बारे में भी आगे चर्चा करते हैं।
संत श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री bageshwar dham maharaj का जीवन परिचय
संत श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम के मठाधीश है तथा श्री बालाजी हनुमान जी के परम भक्त हैं। धीरेंद्र शास्त्री का जन्म बुंदेलखंड के एक छोटे से गांव गढ़ा में एक साधारण ब्राह्मण परिवार में 1996 हुआ था। इनके पिता जी का नाम श्री राम कृपाल जी और माता जी का नाम श्रीमती सरोज देवी था। शास्त्री जी के दो और बहन भाई थे। इन तीनों बहन भाई के बीच धीरेंद्र शास्त्री जी की सबसे अधिक रुचि पंडिताइन मे थी।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी का बचपन -bageshwar dham
bageshwar dham बचपन से ही अपनी रुचि पढ़ाई की जगह पंडित कर्म में रखी। शास्त्री जी का बचपन गरीबी में बीता। शास्त्री जी का परिवार कर्मकांडी था। 5 सदस्यों वाले वीरेंद्र शास्त्री जी के परिवार का पालन पोषण मात्र पूजा पाठ इत्यादि से जो दक्षिणा प्राप्त होती थी उसी से ही चलता था। देवेंद्र शास्त्री जी ने पंडिताई अपने दादा श्री सेतु लाल गर्ग जी से सीखी थी।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन से ही अपनी गुरुप्रेरणा से किसी के भी मन की बात जानने तथा दूर की सोचने की शक्ति थी। शास्त्री जी ने बताया है कि बचपन में जब स्कूल के दिनों में उनके मित्र उनसे अपना परिणाम पूछा करते थे तो पहले ही शास्त्री जी उनका परिणाम बता दिया करते थे।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी का 1 वर्ष अज्ञातवास –bageshwar dham
bageshwar dham के धीरेंद्र शास्त्री जी के बारे में यह भी सुनने को मिलता है कि वह 1 वर्ष के लिए अज्ञातवास चले गए थे। इस अज्ञातवास के पीछे एक कहानी है जिसमें एक स्वप्न को हकीकत में सिद्ध होते हुए देखा जा सकता है।
एक समय शब्द धीरेंद्र शास्त्री के गुरु का काशी जाना हुआ तो अभी बिल्कुल अकेले पड़ गई और पूरे दिन अकेले बैठे रहते थे। रात्रि कालीन सोते समय उनके स्वप्न में बालाजी हनुमान की कृपा हुई और अज्ञातवास जाने की दिशा मिली। परंतु शास्त्री जी ने यह सब स्वप्न समझ कर नकार दिया।
उन्होंने अपने माता-पिता से भी इस बारे में पूछा परंतु माता-पिता ने स्वप्न कहकर भूल जाने को कहा। परंतु यह शब्द शास्त्री जी को बार-बार आने लगा जिससे अंत में उन्होंने गुरु आज्ञा मान कर स्वीकार किया। तथा 1 वर्ष के अज्ञातवास के लिए निकल पढ़े।
इस अज्ञातवास में शास्त्री जी ने स्वयं को इस प्रकार परिवर्तित किया कि जब वापस लौटे तो लोगों को उनका परिवर्तित रूप दिखाई दिया जिसे 1 वर्ष की साधना से परिवर्तित किया गया था।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी क्यों चर्चा में आए – bageshwar dham पर हुआ विवाद
आजकल पूरे देश में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बहुत चर्चा हो रही है। इस चर्चा का कारण उनके द्वारा किए गए चमत्कार बताए जाते हैं। इन चमत्कारों की वजह से उनके अनुयाई उन्हें चमत्कारी कहते हैं तथा कोई अंतर्यामी भी कहते हैं इसके विपरीत कुछ लोग उन्हें पाखंडी की उपाधि भी देते हैं।
परंतु स्वयं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी इन सभी उपाधियों को नकारते हुए स्वयं को एक पक्का सनातनी हिंदू बताते हैं।
शास्त्री जी इन चमत्कारों के विषय में यह दावा करते हैं कि उन पर बालाजी की विशेष अनुकंपा है जिनकी कृपा से यह सब हो रहा है। मैं तो सिर्फ भक्तों की समस्या तथा अर्जी को बालाजी सरकार तक पहुंचाता हूं। क्योंकि बालाजी की कृपा भक्तों पर बरस रही है जिसके कारण शास्त्री जी का प्रभाव और भी अधिक बढ़ रहा है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मात्र 26 वर्ष की उम्र में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर के रूप में पूरे भारत में विख्यात हो चुके हैं। शास्त्री जी का प्रभाव इतना बढ़ चुका है कि अब उनके दरबार में बड़े-बड़े नेता उद्योगपति तथा पत्रकार अपनी अर्जी लगाने के लिए लाइन में खड़े रहते हैं।
bageshwar dham maharaj शास्त्री जी की लोकप्रियता कब से शुरू हुई –
bageshwar dham maharaj का लोगों तक पहुंचने का संस्कार टीवी एक माध्यम बना। जब संस्कार टीवी परbageshwar dhamद्वारा भगवत गीता का वाचन का प्रसारण किया जा रहा था तब लोगों द्वारा शास्त्री जी की द्वारा किए गए चमत्कारों को देखा गया। इस प्रसारण के बाद शास्त्री जी सोशल मीडिया के जरिए पूरे भारत में विख्यात हो गए।
शास्त्री जी की लोकप्रियता अधिक बढ़ने के कारण स्वयं शास्त्री जी द्वारा निजी तौर पर अपनी कथाओं तथा दरबार का प्रसारण निजी सोशल मीडिया पर शुरू कर दिया। जिसके कारण अब देश का बच्चा-बच्चा इनके नाम को जानने लगा।
किसी ने सही कहा है कि जितनी अधिक आपकी लोकप्रियता होती है उतने ही अधिक आपके विरोधी सामने आ जाते हैं। ठीक ऐसे ही शास्त्री जी bageshwar dham की प्रसिद्धि के कारण उनको कई विवादों का सामना करना पड़ा जिनमें उनको झूठा तथा पाखंडी कहां गया।
परंतु शास्त्री जी इन सभी विवादों के चलते कभी डिगे नहीं और अपने पक्ष में यही कहते रहे की वह किसी प्रकार का कोई पैसा नहीं लेते हैं दरबार में आने वाले को सिर्फ बालाजी हनुमान जी को नारियल चढ़ाकर अपनी अर्जी लगानी होती है। मेरा कोई निजी स्वार्थ इसमें निहित नहीं है ।
बस एक मेरा स्वार्थ है जिसे मैं पूरा करने में लगा हुआ हूं वह है भारत को एक हिंदू राष्ट्र घोषित करवाना। इन सभी विवादों के बीच शास्त्री जी आज एक प्रखर संत के रूप में उभरे हैं जो हमेशा सनातन को बढ़ावा देने के लिए लगे हुए हैं।
भक्तों द्वारा पूछे गए प्रश्न
यहां पर आपको लोगों द्वारा कुछ ऐसे प्रश्नों को बताया जाएगा जो उनके द्वारा अक्सर पूछे जाते हैं। आइए जानते हैं इन प्रश्नों के उत्तर
बागेश्वर धाम जाने के लिए कौन सा रेलवे स्टेशन है?
अगर आप बागेश्वर धाम ट्रेन के रास्ते जाना चाहते हैं तो इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन छतरपुर और खजुराहो है। बागेश्वर धाम भोपाल से लगभग 365 किलोमीटर दूर स्थित है।
बागेश्वर धाम की मान्यता क्या है?
बागेश्वर धाम की है मान्यता है कि वहां पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के द्वारा आपकी एक अच्छी बनाई जाती है जिसमें आपकी समस्त कष्टों का निवारण होता है।
बागेश्वर धाम में घर बैठे अर्जी कैसे लगाएं?
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने के लिए आपको बागेश्वर धाम जाने की जरूरत नहीं है बल्कि आप स्वयं अपने घर पर ही बागेश्वर धाम को अर्जी लगा सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले मंगलवार के दिन एक नारियल को लाल वस्त्र में बांधकर बालाजी के आगे रख दें। अगर बालाजी की कृपा हुई तो बालाजी स्वयं आपकी अर्जी स्वीकार कर लेंगे।
बागेश्वर धाम की फीस कितनी है?
बागेश्वर धाम की कोई फीस नहीं है यह बिल्कुल निशुल्क है।
बागेश्वर धाम कहां स्थित है?
बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश की छतरपुर जिले के बुंदेलखंड की गड़ा गांव स्थित है।
बागेश्वर महाराज की उम्र कितनी है?
बागेश्वर महाराज की उम्र 26 वर्ष है।
बागेश्वर धाम के संस्थापक कौन है?
बागेश्वर धाम के संस्थापक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी है।