Udaipur – City of Lakes in Rajasthan
उदयपुर एक ऐतिहासिक नगरी है जो अपनी झीलों, किलों और राजपूत वीरता के लिए प्रसिद्ध है। यह राजस्थान के सबसे लोकप्रिय पर्यटन गंतव्यों में से एक है। इस लेख में हम उदयपुर के इतिहास, संस्कृति, आकर्षणों और अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
उदयपुर का इतिहास – Udaipur History
उदयपुर का जन्म लगभग 450 साल पहले हुआ था जब राणा उदय सिंह ने मुगलों और अकबर के आतंक से चित्तौड़ नगरी को छोड़कर इसकी नींव रखी थी। उदय सिंह मेवाड़ के शासक थे और वे चित्तौड़ दुर्ग से राज्य पर शासन कर रहे थे। लेकिन मुगलों के लगातार हमलों से परेशान होकर उन्होंने अपनी राजधानी स्थानांतरित करने का निर्णय लिया।
उदयपुर की स्थापना
एक शाम महाराणा उदय सिंह ने अपने सामंतों के समक्ष उदयपुर बसाने का विचार प्रस्तुत किया और सभी सामंतों ने उनका समर्थन किया। उदयपुर के लिए एक अनुकूल स्थान की तलाश की गई और अंत में मोती महल के नजदीक एक पहाड़ी पर स्थान चुना गया। यहीं से उदयपुर का निर्माण शुरू हुआ।
एक किंवदंती के अनुसार, एक बार महाराणा उदय सिंह शिकार खेल रहे थे और वे एक खरगोश का पीछा कर रहे थे। खरगोश का पीछा करते-करते वे एक जंगल में पहुंच गए जहां उनकी मुलाकात एक साधु से हुई। साधु ने उन्हें उदयपुर बसाने के लिए वही स्थान बताया और महाराणा ने उनकी बात मान ली।
उदयपुर की झीलें और राजमहल
उदय सिंह जी महाराज ने उत्कृष्ट कारीगरों को शामिल करके प्लानिंग की और सबसे पहले फतेहसागर झील का निर्माण कराया। इसमें पानी की आपूर्ति मदार के तालाबों और पिछोला झील से होती है। जब फतेहसागर लबालब हो जाता है तो इसका पानी आड़ नदी से होते हुए उदयसागर झील में चला जाता है।
उदयपुर में अलग-अलग काल में महाराणाओं ने कई राजमहल बनवाए। इनमें से सबसे प्रसिद्ध है सिटी पैलेस जिसे उदय सिंह जी ने बनवाया था। यहां एक सभ्यता का संग्रहालय भी स्थित है जिसमें पुरातात्विक समय की वस्तुएं संग्रहीत हैं।
उदयपुर के प्रमुख आकर्षण || Udaipur Attractions Places
उदयपुर में घूमने के लिए कई आकर्षक स्थल हैं जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
सिटी पैलेस – City Place Udaipur
सिटी पैलेस उदयपुर का मुख्य आकर्षण है। यह एक विशाल महल है जिसमें कई छोटे महल और बागीचे शामिल हैं। यहां आप राजस्थानी वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने देख सकते हैं। पैलेस में एक संग्रहालय भी है जहां राजपूत शासकों के जीवन और संस्कृति के बारे में जाना जा सकता है।
जगदीश मंदिर – Jagdish Temple Udaipur
जगदीश मंदिर सन् 1651 में महाराणा जगत सिंह द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर की दीवारों पर भगवान विष्णु की मूर्तियां उत्कीर्ण हैं। मंदिर की वास्तुकला बेहद ही सुंदर है और यहां आने वाले पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है।
लेक पैलेस – Lake palace Udaipur
लेक पैलेस पिछोला झील के बीचोंबीच स्थित है और अब इसे होटल में बदल दिया गया है। लेकिन इसकी खूबसूरती आज भी बरकरार है। यहां से झील और आसपास के पहाड़ों का बेहतरीन नजारा देखा जा सकता है।
मोती मगरी (प्रताप स्मारक) Pratap smarak Udaipur
फतेहसागर झील के किनारे मोती मगरी नामक पहाड़ी पर एक प्रताप स्मारक विकसित किया गया है। यह स्मारक महाराणा प्रताप के सम्मान में बनाया गया है जो मुगलों के विरुद्ध लड़े थे। यहां से शहर का अद्भुत नजारा देखा जा सकता है।
बागोर की हवेली
बागोर की हवेली सन् 1751 में बनी थी और यह राजपूत वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। इसके भीतर कई खूबसूरत मूर्तियां और नक्काशीदार काम देखने को मिलता है।
गुलाब बाग और सुखाड़िया सर्किल – Gulab Baag Udaipur
गुलाब बाग एक सुंदर उद्यान है जहां आप बच्चों के साथ घूमने और आराम करने का मजा ले सकते हैं। सुखाड़िया सर्किल एक विशाल चौराहा है जहां से शहर की गतिविधियों को देखा जा सकता है।
सज्जनगढ़ (मॉनसून पैलेस)
सज्जनगढ़ को मॉनसून पैलेस भी कहा जाता है। यह एक ऊंची पहाड़ी चोटी पर बसा है और यहां से शहर का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। इसका निर्माण महाराणा सज्जन सिंह और महाराणा फतह सिंह ने करवाया था।
एकलिंगजी मंदिर – Eklingji Temple Udaipur
एकलिंगजी मंदिर उदयपुर शहर से 20 किमी दूर पहाड़ियों के बीच स्थित है। इसका निर्माण 8वीं शताब्दी में मेवाड़ के राव बाप्पा रावल ने करवाया था। मंदिर के पीछे बनी झील का नजारा बेहद ही खूबसूरत है।
हल्दीघाटी और रणथम्भौर- Haldighati Udaipur
हल्दीघाटी और रणथम्भौर उदयपुर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल हैं जहां मुगलों और राजपूतों के बीच कई युद्ध हुए थे। यहां पर अब एक संग्रहालय और स्मारक बनाए गए हैं जो इन इतिहास को दर्शाते हैं।
उदयपुर की संस्कृति और लोककलाएं
उदयपुर की संस्कृति और लोककलाएं काफी विविधतापूर्ण हैं। यहां की मूर्तिकला, चित्रकला, धातुकर्म और बुनाई प्रसिद्ध हैं। शिल्पग्राम में आप कई राज्यों की जनजातियों की संस्कृति को देख सकते हैं, जहां उनके नृत्य और हस्तशिल्प प्रदर्शित किए जाते हैं।
उदयपुर में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार हैं: तीज, गणगौर, मातृ नवरात्रि, दिवाली, होली, मकर संक्रांति और गोकुलाष्टमी आदि। इन त्योहारों पर लोग खुशी से नाचते-गाते हैं और अपनी संस्कृति को मनाते हैं।
उदयपुर की लोकवाणी और खान-पान
उदयपुर में बोली जाने वाली भाषा मेवाड़ी है जो राजस्थानी का एक प्रमुख रूप है। यहां की खान-पान की विशेषताओं में मक्की की रोटी, दाल बाटी, कर्री और लाल मास शामिल हैं। राजस्थान का प्रसिद्ध पकवान दाल-बाटी-चूरमा उदयपुर में बहुत लोकप्रिय है।
उदयपुर के आसपास के गांवों में फसल के रूप में गेहूं, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली और अफीम उगाई जाती है। किसान सरकार द्वारा तय की गई मात्रा में अफीम की पैदावार कर सरकार को सौंपते हैं।
उदयपुर में आने का सबसे अच्छा समय
उदयपुर घूमने के लिए सबसे अनुकूल समय अक्टूबर से मार्च तक का माना जाता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और आप शहर के सभी आकर्षणों का आनंद ले सकते हैं। गर्मियों में यहां भीषण गर्मी पड़ती है जिससे घूमना मुश्किल हो जाता है।
अक्टूबर से मार्च के बीच का मौसम उदयपुर में ठंडा और आरामदायक रहता है। दिन में धूप और रात में ठंडक भी उतनी ज्यादा नहीं होती। यह समय शहर के आकर्षणों को भ्रमण करने के लिए सही है।
उदयपुर कैसे पहुंचें?
उदयपुर पहुंचने के लिए आपके पास तीन विकल्प हैं – हवाई मार्ग, रेलमार्ग और सड़क मार्ग।
हवाई मार्ग – Udaipur airport
उदयपुर का अपना दौलतराम जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जहां देश के कई शहरों से उड़ानें आती-जाती हैं। दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अहमदाबाद और बेंगलुरु से सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं।
रेलमार्ग – Udaipur railway station
उदयपुर रेलवे स्टेशन भी मुख्य रेलवे नेटवर्क से जुड़ा है। दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और जयपुर से सीधी ट्रेनें उदयपुर आती हैं। रेलवे नेटवर्क यात्रा के लिए सस्ता विकल्प प्रदान करता है।
सड़क मार्ग
आप अहमदाबाद, दिल्ली या मुंबई से सड़क मार्ग से भी उदयपुर आ सकते हैं। उदयपुर शहर राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा है। इससे आसानी से उदयपुर पहुंचा जा सकता है।
उदयपुर में खाना और ठहरना
Udaipur में खाना और ठहरना आसान है। शहर में कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के होटल और रिसॉर्ट हैं जहां आप ठहर सकते हैं। कुछ प्रमुख होटल कंपनियां हैं – ताज, लीला,
औबेरॉय, जैसा गरीब, आईटीसी हॉटेल आदि। इनके अलावा कई हीरो और बुटीक होटल भी हैं जो बेहतरीन सुविधाएं और अनुभव प्रदान करते हैं।
अगर आप सस्ते और परंपरागत अनुभव चाहते हैं, तो उदयपुर में स्थानीय लोगों द्वारा संचालित कई गेस्टहाउस और होमस्टे भी मौजूद हैं। ये आमतौर पर लेक पैलेस, सिटी पैलेस और अन्य मुख्य आकर्षणों के नजदीक स्थित होते हैं।
खाने की बात करें तो उदयपुर में आपको कई विकल्प मिलेंगे। शहर में राजस्थानी, पंजाबी, दक्षिण भारतीय, चाइनीज, मेक्सिकन और कंटिनेंटल खाना उपलब्ध है। कुछ लोकप्रिय राजस्थानी व्यंजन लाल मास, दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी, पयाज की करी, बाटी चोख आदि हैं।
अगर आप स्ट्रीट फूड का आनंद लेना चाहते हैं तो उदयपुर के बाजारों में मिठाइयों, चटपटे नमकीन, पकौड़ों और अन्य लोकप्रिय नाश्तों की दुकानें मिल जाएंगी।
वेजिटेरियन और झीलों का आनंद
उदयपुर शहर शाकाहारी खाने के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां के निवासी मुख्य रूप से शाकाहारी भोजन ही करते हैं। पंजाबी और राजस्थानी शाकाहारी व्यंजनों की विविधता यहां उपलब्ध है।
शहर की झीलों के किनारे बैठकर खाना खाना एक अलग ही अनुभव है। जैसे लेक पैलेस या फतेहसागर झील के किनारे खाना खाते समय आप झीलों और आसपास की पहाड़ियों का मनमोहक नजारा देख सकते हैं।
उदयपुर पर्यटन – Udaipur Tourism
उदयपुर राजस्थान का सबसे लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य है। यहां आनेवाले पर्यटकों के लिए कई आकर्षण उपलब्ध हैं। सिटी पैलेस, लेक पैलेस, जगदीश मंदिर, मोती मगरी, बागोर की हवेली और एकलिंगजी मंदिर जैसे आकर्षणों को देखना अनिवार्य है।
इसके अलावा, उदयपुर और आसपास के इलाकों में कई प्रकृति पार्क, संग्रहालय, राजवंशीय गांव और खेतों का भ्रमण भी किया जा सकता है।
उदयपुर पर्यटन के लिए सबसे अच्छा समय
पर्यटक Udaipur भ्रमण के लिए अक्टूबर से मार्च तक के मौसम को सबसे उपयुक्त मानते हैं। इस समय न गर्मी और न ही सर्दी अधिक होती है। फरवरी महीने में आयोजित होने वाला मशहूर मातृ नवरात्रि उत्सव भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
गर्मियों में भीषण गर्मी पड़ती है इसलिए इस मौसम में शहर घूमना थकाऊ हो सकता है। वहीं मानसून के महीनों में अधिक वर्षा और आर्द्रता के कारण कई स्थल बंद हो सकते हैं।
उदयपुर के आसपास घूमने लायक स्थल – Udaipur visiting places
उदयपुर शहर के अलावा, आसपास के कई अन्य स्थल भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। जैसे –
– कुम्भलगढ़ किला (60 किमी दूर)
– रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान (100 किमी दूर)
– नाथद्वारा (50 किमी दूर)
– चित्तौड़गढ़ किला (100 किमी दूर)
– मोउंट आबू हिल स्टेशन (175 किमी दूर)
ये स्थल उदयपुर से एक दिन की यात्रा पर जाने लायक हैं। आप अपनी Udaipur यात्रा के दौरान इनकी भी योजना बना सकते हैं।
उदयपुर भारत के सबसे खूबसूरत और रोमांचक शहरों में से एक है जहां राजपूत इतिहास और संस्कृति घुली-मिली होकर एक अनोखा अनुभव प्रदान करती है। यहां के किलों, महलों, झीलों और पहाड़ियों का नजारा दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। कुल मिलाकर उदयपुर भ्रमण अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है।