Shri Shri Ravishankar || एक आध्यात्मिक गुरु का जीवन परिचय
भारत के अध्यात्मिक गुरु (Spiritual Gurus of India) भारतीय समाज में आध्यात्मिकता की गहरी परंपरा का हिस्सा हैं। इन गुरुओं ने अपने ज्ञान, सिद्धांतों, और अनुभव के माध्यम से समाज को आध्यात्मिक उन्नति, शांति और समृद्धि की दिशा में मार्गदर्शन किया है। इन्ही गुरुओ मे आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर प्रसाद भी प्रमुख है ।
आज की इस ब्लॉग पोस्ट में, हम जानेंगे कि आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवीशंकर जी का जन्म कहा हुआ और उनका जीवन कैसे बदला।
श्री श्री रवीशंकर जी का जन्म
रवीशंकर जी (Sri Sri Ravi Shankar) भारतीय ध्यान और आध्यात्मिक गुरु, और ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ (Art of Living) फाउंडेशन के संस्थापक हैं। उनका जन्म 13 मई 1956 को भारत के टमिलनाडु राज्य में हुआ था। उनके पिता का नाम वैंकर्ट रतनम् था, जो कोविद (कोवि = विद्या) थे, और माता का नाम वीशा लाक्ष्मी था, जो एक सुशील महिला थीं।
रवीशंकर जी का जन्म रविवार के दिन हुआ था, और उसी दिन आदि गुरु शंकराचार्य का भी जन्म था, इसलिए उनके नाम में शंकर शब्द शामिल किया गया।
रवी शंकर जी का प्रारंभिक जीवन
रवी शंकर जी का प्रारंभिक जीवन एक अनोखा सफर था, जो उन्होंने अपनी दृढ़ संकल्पना और आत्मविश्वास के साथ तय किया। उनके बचपन का अध्ययन करते समय, वे ध्यान और आध्यात्मिकता की ओर अपनी रुचि पाए।
जब वे युवा थे, तब उन्होंने अपने जीवन में योग, ध्यान और विचारधारा को अपनाया। यही समय था जब उन्होंने महर्षि महेश योगी के शिष्य बनने का निर्णय लिया और आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में निकल पड़े। उनके आत्मिक अनुभवों ने उन्हें एक नई दिशा दी और उन्होंने आत्म-विकास और समाज की सेवा के माध्यम से लोगों की मदद करने का संकल्प लिया।
रवि शंकर जी का विद्यार्थी जीवन
श्री श्री रवीशंकर जी एक आध्यात्मिक गुरु, सामाजिक नेता, शिक्षक और वैश्विक शांति के प्रवक्ता हैं। उन्होंने समाज में शांति, सद्भावना, और संतुलन के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
Shri Shri Ravishankar ने विश्वविद्यालय की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वैदिक ज्ञान के क्षेत्र में अपनी शिक्षा प्राप्त की। उनका मार्गदर्शन आध्यात्मिकता, योग, प्राणायाम, ध्यान, और धार्मिकता पर है। उन्होंने अपने शिष्यों को मानवता, सामाजिक सद्भावना, और आध्यात्मिक विकास की शिक्षा दी है।
आर्ट ऑफ लिविंग – Shri Shri Ravishankar
उनकी सबसे चर्चित और प्रसिद्ध शिक्षा में से एक है “आर्ट ऑफ़ लिविंग”। यह शिक्षा जीवन को संतुलित करने, ध्यान करने, स्ट्रेस को कम करने, और शांति प्राप्त करने की विशेष तकनीकों पर आधारित है। लाखों लोगों ने इस शिक्षा से फायदा उठाया है और अपने जीवन को सकारात्मकता से भर दिया है।
विश्वशांति – Shri Shri Ravishankar
रवीशंकर जी का जीवन शांति और सद्भावना को बढ़ावा देने में समर्पित है। उन्होंने विभिन्न विश्वस्तरीय सम्मेलनों, ध्यान शिविरों, और शांति प्रचार के माध्यम से मानवता में एकता और सौहार्द को बढ़ावा दिया है।
श्री श्री रवीशंकर जी के जीवन और संदेश ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है, और उन्होंने मानवता में एकता, सद्भावना, और शांति के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए एक महान योगदान दिया है। उनका संदेश है कि सभी में शांति, संतुलन और सकारात्मकता का संस्कार होना चाहिए।
सेवा और समर्पण
उन्होंने जेल में बंद कैदियों के लिए ध्यान और आध्यात्मिक शिक्षा के कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इसके अलावा, वे विभिन्न आपदाओं और युद्ध-विप्लवों में योगदान करते हैं, लोगों की मदद करते हैं, और शांति और सामर्थ्य की शिक्षा देते हैं।
रवीशंकर जी का मानना है कि हर व्यक्ति को रोज ध्यान करना चाहिए, क्योंकि ध्यान से व्यक्ति सक्रिय और तरोताज़ा रहता है। उनकी फिलोसफी के अनुसार, भगवान का निवास हर किसी के दिल में होता है।
श्री श्री रविशंकर जी की सीख
रShri Shri Ravishankar की आध्यात्मिक सीख हमें एक साथ रहने, सहयोग करने, और सामूहिक तौर पर उन्नति करने की ओर प्रेरित करती है। उनकी उपदेशों का सम्मान करना हमारी सभी की जिम्मेदारी है। उनके योगदान को याद करते हुए, हम सभी एक सकारात्मक और संतुलित जीवन जीने के मार्ग पर अग्रसर हो सकते हैं।